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राहत : 69000 नवनियुक्त परिषदीय शिक्षकों से हटा कोरोना का ग्रहण, कोविड संक्रमण की वजह से दस्तावेजों के सत्यापन में हो रही थी लेटलतीफी

 राहत : 69000 नवनियुक्त परिषदीय शिक्षकों से हटा कोरोना का ग्रहण, कोविड संक्रमण की वजह से दस्तावेजों के सत्यापन में हो रही थी लेटलतीफी

गोरखपुर। 69000 शिक्षक भर्ती के तहत जिले में दो चरणों में नियुक्ति हासिल करने वाले 510 शिक्षकों को लंबे समय बाद वेतन जारी हो सकेगा। प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के चलते सत्यापन में हो रही लेटलतीफी को देखते हुए नवनियुक्ति शिक्षकों को राहत प्रदान करते हुए उन्हें विभाग में एक शपथ पत्र जमा कराने का निर्देश दिया है। जिसके बाद शिक्षकों को वेतन जारी हो सकेगा।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भर्ती के पहले चरण में हुई 31277 नियुक्ति के तहत जिले में 540 शिक्षकों को नियुक्ति मिली है। जबकि 36590 नियुक्ति के तहत दिसंबर में 585 शिक्षक मिले हैं। नियुक्ति हासिल करने के बाद से नियम के मुताबिक इन शिक्षकों के हाईस्कूल, इंटर, बीए के साथ बीटीसी या बीएड के अंकपत्रों का सत्यापन बोर्ड और संबंधित विश्वविद्यालय से कराना होता है। मगर कोरोना महामारी के चलते सत्यापन की प्रक्रिया में देर हो रही थी। विभाग ने तेजी दिखाते दोनों चरणों में नियुक्त हुए आधे से अधिक शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा कर वेतन जारी करने में सफलता भी हासिल की। इधर, लंबित शिक्षक वेतन निर्गत जारी किए जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन विभाग शासकीय आदेशों का हवाला देकर सत्यापन के बाद ही वेतन जारी करने की बात कह रहा था। सरकार के फैसले के बाद अब शिक्षकों को वेतन जारी किया जा सकेगा। कोई सात तो कोई पांच महीने से कर रहा इंतजारः भर्ती के पहले चरण में शिक्षकों को नियुक्ति अक्तूबर में मिली। यानी ये शिक्षक सात महीने वेतन का इंतजार कर रहे थे। दूसरे चरण में नियुक्ति की प्रक्रिया दिसंबर में पूरी हुई। पांच महीने से ये शिक्षक वेतन की राह देख रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में वेतन जारी होने से ये शिक्षक अपने साथ अपने परिवार की भी सुरक्षा कर सकेंगे।


615 शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी
बीएसए ने बताया कि दोनों चरणों में नियुक्ति हासिल करने वाले 615 नवनियुक्त शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया को बोर्ड और विश्वविद्यालय से पूरा करके इन्हें वेतन जारी किया है। 510 शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे थे। मगर कोरोना की वजह से प्रक्रिया रफ्तार नहीं पकड़ पा रही थी।

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