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पीएम मोदी ने यूपी में बढ़ते कोविड संक्रमण पर मुख्यमंत्री योगी से की बात

 पीएम मोदी ने यूपी में बढ़ते कोविड संक्रमण पर मुख्यमंत्री योगी से की बात

यूपी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण व आम लोगों की बढ़ती नाराजगी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति, कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों तथा प्राइवेट पैथलॉजी में कोविड जांच न कराए जाने की अनुमति दिए जाने संबंधी आरोपों को लेकर जानकारी प्राप्त की। 



प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ यूपी से सांसद हैं बल्कि उनकी सरकार में सबसे मजबूत हिस्सेदारी यूपी की है। कोविड संक्रमण को लेकर प्रदेश की प्रशासनिक तैयारियां व रणनीति पूरी तरह फेल साबित हुई है। लोगों को संक्रमण की जांच, इलाज के लिए बेड व इमरजेंसी दवाओं व जरूरत पर ऑक्सीजन के लिए भटकते व छटपटाना पड़ा है। समय पर बेड व इलाज न मिलने से कई लोगों को जान गवां देनी पड़ी है। 


सरकार के मंत्री, सांसद और जिम्मेदार कार्यकर्ता लगातार व्यवस्था की खामियों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार के खिलाफ बढ़ती नाराजगी को भांपकर प्रधानमंत्री मोदी खुद आगे आए हैं। उन्होंने कोविड संक्रमण की रोकथाम व प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री से जिस तरह एक-एक बात की जानकारी ली है, उससे आने वाले दिनों में केंद्र की मदद का दायरा बढ़ सकता है। 

हर बिंदु पर योगी ने दी विस्तार से दी जानकारी
संक्रमण की रोकथाम पर: मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। आईसीयू बेड्स की उपलब्धता के साथ-साथ आक्सीजन की अनवरत आपूर्ति, ट्रैक और ट्रेस करते हुए व्यापक टेस्टिंग की रणनीति पर काम हो रहा है। 

निजी प्रयोगशालाओं द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट
मुख्यमंत्री ने मोदी को बताया कि प्रदेश में 104 निजी प्रयोगशालाएं तथा 125 सार्वजनिक क्षेत्र की प्रयोगशालाएं कोविड टेस्ट कार्य कर रही हैं। अब तक 3 करोड़ 84 लाख से अधिक टेस्ट हुए हैं। 18 अप्रैल को निजी प्रयोगशालाओं ने 19 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट किए हैं। उन्होंने मोदी को यह भी बताया कि समस्त जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले में निजी प्रयोगशालाओं की आरटीपीसीआर टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने का प्रयास करने और इस क्षमता वृद्धि का पूरा उपयोग करने का निर्देश दे दिया गया है।

प्रदेश ने तय किया है कि यदि निजी प्रयोगशालाओं के पास आरटीपीसीआर जांच के लिए पर्याप्त सैम्पल नहीं हैं तो जिला प्रशासन सरकारी संस्थाओं द्वारा संकलित सैम्पल आरटीपीसीआर जांच के लिए निजी प्रयोगशालाओं को भेजें। इसके लिए 500 रुपये प्रति सैम्पल की दर से भुगतान किया जाएगा। 

निजी प्रयोगशालाओं से जांच न कराने पर: मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि कुछ स्वार्थी तत्व यह अफवाह फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं कि निजी प्रयोगशालाएं कोविड जांच नही कर रही हैं। वास्तविकता इसके विपरीत है। प्रदेश में अभी तक करीब 17 लाख कोविड टेस्ट निजी प्रयोगशालाओं ने किए हैं।

इनमें 8,84,330 आरटीपीसीआर टेस्ट, 3,18,278 ट्रू नैट टेस्ट तथा 4,98,372 रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा निजी लैब की क्षमता के अनुरूप टेस्टिंग कार्य कराया जा रहा है। इसके बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी भी दी जा रही है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार कार्रवाई भी करेगी

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