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UPSSSC: भर्तियों के लिए अब सिर्फ एक बार ही करना होगा पंजीकरण, आयोग की वेबसाइट पर लिंक जारी

 UPSSSC: भर्तियों के लिए अब सिर्फ एक बार ही करना होगा पंजीकरण, आयोग की वेबसाइट पर लिंक जारी

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की भविष्य में होने वाली भर्तियों के लिए अब सिर्फ एक बार ऑनलाइन पंजीकरण (वन टाइम रजिस्ट्रेशन-ओटीआर) कराना होगा। यह सुविधा निशुल्क है। आयोग की वेबसाइट पर ओटीआर माड्यूल का लिंक उपलब्ध करा दिया गया। यह प्रक्रिया नियमित रूप से चलती रहेगी। इस व्यवस्था से अभ्यर्थियों को कई तरह की सहूलियत होगी।



आयोग के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने बताया कि अभ्यर्थियों को ओटीआर के बाद भविष्य में विज्ञापित और होने वाली विभिन्न परीक्षाओं के लिए मूलभूत सूचनाओं को बार-बार भरने की जरूरत नहीं होगी। शैक्षिक योग्यता व अर्हता संबंधी अभिलेखों को भी बार-बार अपलोड नहीं करना पड़ेगा। ओटीआर के बाद किसी भी परीक्षा के लिए आवेदक को वेबसाइट पर परीक्षा का चयन कर सिर्फ उसकी निर्धारित फीस जमा करनी होगी। अभ्यर्थी द्वारा ओटीआर में दर्ज विवरण स्वत: सामने आ जाएंगे।


वर्ष 2015 के बाद आवेदन तो प्रोफाइल अपडेट की सुविधा
जिन अभ्यर्थियों ने वर्ष 2015 के बाद आयोग की किसी परीक्षा में आवेदन किया है। उनके द्वारा उस वक्त दिए गए रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर भी ओटीआर की प्रक्रिया को पूर्ण अथवा अपडेट किया जा सकता है। ऐसे अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व में दी गई सूचनाएं व विवरण पंजीकरण फॉर्म में सामने आ जाएंगे। लिहाजा उन्हें उसे भरने की जरूरत नहीं होगी।

इसके अलावा आयोग की वेबसाइट पर दिए गए ई-फॉर्म के माध्यम से नए सिरे से अपना पूर्ण विवरण भरते हुए भी ओटीआर की कार्यवाही पूरी की जा सकेगी। शैक्षिक योग्यता, अर्हता अथवा अनुभव आदि के विवरण में परिवर्तन होने पर अभ्यर्थी उसे अपडेट कर सकता है। संबंधित नए अभिलेखों को भी अपलोड किया जा सकता है।
ओटीआर में बरते सावधानी, मूलभूत विवरण में नहीं होगा संशोधन
अभ्यर्थी के अपलोड अभिलेखों को संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक अभ्यर्थी को ई-लॉकर नंबर आवंटित किया जाएगा। एक बार ई-लॉकर नंबर मिल जाने के बाद मूलभूत विवरण (नाम, माता-पिता के नाम, जन्मतिथि, लिंग, आधार कार्ड के अंतिम छह अंक, मूल निवास का प्रदेश व जाति) को संशोधित नहीं किया जा सकेगा।

ऐसे में ओटीआर के समय विशेष सावधानी की आवश्यकता है। अभ्यर्थी के अपलोड अभिलेखों का सत्यापन उसे जारी करने वाली संस्था से डिजिटल माध्यम से अथवा अभिलेख सत्यापन के समय मैनुअली कराया जाएगा।

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