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सरकार के फैसलों के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाएंगे कर्मचारी संगठन, उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक में हुआ फैसला -primary ka master

 सरकार के फैसलों के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाएंगे कर्मचारी संगठन, उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक में हुआ फैसला -primary ka master

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक बुधवार को ऐशबाग स्थित जल संस्थान कर्मचारी महासंघ कार्यालय में हुई। बैठक में सरकार की कर्मचारी शिक्षक पेंशनर विरोधी नीतियों एवं फैसलों पर असंतोष व्यक्त किया गया। प्रतिनिधियों ने इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए जागरुकता अभियान शुरू करने पर बल दिया।


विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से समिति में शामिल सभी घटक व संगठनों द्वारा अपने-अपने अपने स्तर से जिलों व मंडलों में जागरूकता अभियान चलाकर सदस्यों को आंदोलन के लिए लामबंद करने समेत कई फैसले लिए गए।

समिति के प्रवक्ता बीएल कुशवाहा ने बताया कि बैठक जिला स्तर पर आंदोलन के कार्यक्रमों के लिए समन्वय समिति की जिला यूनिट बनाने का भी फैसला किया गया है। इसके लिए सभी घटक व संगठनों के जिलाध्यक्ष व मंत्रियों की सूची, पता व फोन नंबर 30 जनवरी तक उपलब्ध कराने को कहा गया है।

इसी तरह 2 फरवरी को समन्वय समिति की अगली बैठक करने का भी निर्णय लिया गया है। इस बैठक में सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों एवं फैसलों का विरोध करने की रणनीति तय होगी प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना के नाम पर सरकार ने महंगाई भत्ता और इस अवधि का एरियर जब्त कर लिया है। विभिन्न भक्ते भी समाप्त कर

सरकार ने बेतहाशा बढ़ती महंगाई में कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों की कमर तोड़ दी है।

समिति के पदाधिकारियों ने बैठक में कहा कि कैशलेस इलाज की व्यवस्था करने, लंबित वेतन विसंगतियों का निवारण, 50-55 वर्ष की आयु वाले कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्त करने का आदेश वापस लेने, सरकारी संस्थानों का निजीकरण, ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग बंद कर रिक्त पदों पर नियमित करने और पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने समेत कई मुद्दों की मांग को लेकर आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

बैठक की अध्यक्षता विधान परिषद में शिक्षक दल के नये नेता सुरेश कुमार त्रिपाठी ने की। अमरनाथ यादव ने संगठनों की दशा एवं दिशा और भावी रूपरेखा प्रस्तुत किया। बैठक में बड़ी संख्या में समिति से जुड़े महासंघों, परिसंघों व संघों के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया।

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