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यूपी बोर्ड की कॉपियां जांचने के विरोध में उतरे शिक्षक, सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर अपना चेक कराने की मांग

यूपी बोर्ड की कॉपियां जांचने के विरोध में उतरे शिक्षक, सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर अपना चेक कराने की मांग

ग्रीन जोन में पांच मई से यूपी बोर्ड की दसवीं, बारहवीं की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो चुका है। वहीं, ऑरेेज जोन में 12 मई से मूल्यांकन शुरू होने जा रहा है।ऑरेंज जोन में प्रयागराज भी है। शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए केंद्रों में बुलाया गया है। वहीं, मूल्यांकन को लेकर विरोध और तेज हो गया है।
उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री से मांग की गई है कि सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड की कॉपियों भी मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के घर भेजी जाएं, ताकि शिक्षकों को वैश्विक महामारी कोविड-19 के खतरे से बचाया जा सके।केपी इंटर कॉलेज और राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्यों ने 16 एवं 17 मार्च को मूल्यांकन कर चुके प प्रधान परीक्षकों/सहायक परीक्षकों को 12 मई को सुबह दस बजे मूल्यांकन केंद्र में उपस्थित होने को कहा है।हालांकि केपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य की ओर से जारी पत्र में यह भी कहा है कि जो परीक्षक हॉटस्पॉट वाले क्षेत्र में रहते हैं, वे इस बारे में सूचित कर दें। ऐसे परीक्षकों को मूल्यांकन के लिए नहीं बुलाया जाएगा। दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री लाल मणि द्विवेदी और शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिस तरह सीबीएसई की दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाओं के तहत तीन हजार मूल्यांकन केंद्रों से तकरीबन डेढ़ करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं को परीक्षकों के घर पहुंचाने और मूल्यांकन होने के बाद उन्हें वापस लाने का प्रबंध किया जा रहा है, उसी तरह यूपी बोर्ड की कॉपियां भी मूल्यांकन के लिए परीक्षकों के घर पहुंचाई जाएं। लेकिन, प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले में शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन, गैर जिम्मेदाराना और हठवादी रवैया अपनाया जा रहा है। दुर्भाग्यवश सरकार के ऐसे हठवादी रवैये के कारण समाज में शिक्षकों की ऐसी छवि पेश हो रही है कि जैसे वे मूल्यांकन करना ही नहीं चाहते हैं, जबकि शिक्षकों ने हमेश समर्पित भाव से मूल्यांकन किया है और करते रहेंगे। प्रदेश सरकार से मांग की गई है कि शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन अविलंब स्थगित करके केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई की ओर से लिए गए निर्णय के अनुरूप उत्तर पुस्तिकाएं शिक्षकों के घर भेजकर मूल्यांकन कराने पर पुनर्विचार किया जाए।