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कहीं एक तो कहीं दो शिक्षक संभाल रहे विद्यालय


कटरा। अच्छी शिक्षा को प्राथमिकता में लेकर सरकार की ओर से स्कूलों में बेहतर भौतिक संसाधनों की व्यवस्था की गई है। निशुल्क शिक्षा के साथ ही बच्चों को जूता मोजा, स्कूल बैग, यूनिफार्म, किताबें व भोजन भी दिया जा रहा है। लेकिन शिक्षकों की कमी बच्चों की बेहतर शिक्षा में बढ़ी बाधा बनी हुई है।


परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने लिए सरकार भले ही नित नये प्रयास कर रही हो। लेकिन कुछ ऐसे अभाव हैं जिसके चलते बच्चों की बेहतर शिक्षा की कल्पना साकार नहीं हो पा रही है। यह अभाव कुछ और नहीं बल्कि शिक्षकों की कमी है। शिक्षा क्षेत्र इकौना में अधिकतर परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। विद्यालय में मानक अनुरूप शिक्षकों की तैनाती न होने से सभी संसाधान होने के बाद भी बच्चों का भविष्य बेहतर

नहीं दिख रहा है। कुछ ऐसे विद्यालय हैं जहां 400 से अधिक छात्रों की संख्या है लेकिन वहां संख्या के सापेक्ष शिक्षक की तैनात नहीं है। वहीं एकल शिक्षक पर संस्था का दायित्व होने से स्कूल के कागजी कार्रवाई व बैठकों में जाना पड़ता है। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है। इकौना क्षेत्र में 11 न्याय पंचायत हैं, जिसमें 188 विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में 30 हजार 183 छात्र पंजीकृत हैं। 443 शिक्षक व 227 शिक्षा मित्र के साथ ही 38 अनुदेशक नियुक्त हैं। लेकिन कोई भी विद्यालय ऐसा नहीं होगा जहां मानक अनुरूप शिक्षकों की तैनाती हो।

शिक्षकों की कमी से जूझ रहे यह विद्यालयः संविलियन विद्यालय कन्या कटरा में 210 बच्चें पंजीकृत हैं। यहां मात्र तीन शिक्षक कार्यरत हैं। जो एक से आठ तक की कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाते हैं। संविलियन विद्यालय डिंगुराजोत में 299 बच्चों पर चार शिक्षक और दो शिक्षा मित्र की तैनाती है। संविलियन विद्यालय बगहा में 267 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां मात्र चार शिक्षक और एक शिक्षा मित्र तैनात हैं। अब पांच शिक्षक आठ कक्षाओं के बच्चों को कैसे पढ़ाते होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है। कम्पोजिट विद्यालय भिट्टी में 431 बच्चे नामांकित है। यहां महज चार शिक्षक और एक शिक्षा मित्र को जोड़कर कुल पांच शिक्षक ही तैनात हैं। संविलियन विद्यालय कटरा गुलरिहा

में 396 बच्चें पंजीकृत हैं। यहां पर पांच शिक्षक और एक शिक्षा मित्र तैनात हैं। संविलियन विद्यालय मुश्काबाद में 158 छात्र पंजीकृत हैं यहां पर मात्र तीन शिक्षक और एक शिक्षा मित्र तैनात हैं। यह चार शिक्षक आठ कक्षाओं के बच्चों को कैसे सम्हालते हैं सोंचा जा सकता है।



यहां तो एक शिक्षक के भरोसे चल रहा विद्यालय

उच्च प्राथमिक विद्यालय फतूपुर तनाज्ञा में कक्षा एक से आठ तक कुल 49 बच्चे अध्ययनरत हैं। इन बच्चों के लिए यहा महज एक ही शिक्षक रमेश चन्द्र शुक्ल की नियुक्ति है। एक शिक्षक कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को किस स्तर की शिक्षा दे पाते होंगे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विद्यालय में एकल शिक्षक होने से बच्चों का भविष्य अंधेरे में है।



जनपद से अधिक संख्या में शिक्षकों का स्थानांतरण हो जाने से शिक्षकों की कमी हो गई है। जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती है तब तक किसी तरीके से शिक्षकों को सम्बद्ध करके विद्यालय चलाया जा रहा है। बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की हर कोशिश होती है। फूलचन्द्र मौर्य, एबीएसए इकौना

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