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पढ़ाई छूटी या कहीं और गए छात्र... असमंजस में विभाग

 बरेली। माध्यमिक शिक्षा विभाग इस सवाल का हल नहीं पता कर पा रहा है कि जिले के करीब छह हजार विद्यार्थी कहां गए? साल 2023-24 के लिए विभाग को कक्षा नौ में नामांकन का लक्ष्य दिया गया था। विभाग की ओर से 90 फीसदी लक्ष्य पूरा कर लिया गया है लेकिन बाकी दस फीसदी छात्र-छात्राओं के बारे में विभाग को इस बात की जानकारी नहीं है कि करीब छह हजार विद्यार्थियों का नामांकन क्यों नहीं हुआ।



इस साल करीब 59,074 विद्यार्थियों ने आठवीं कक्षा पास की थी। इसमें से करीब 52,916 विद्यार्थियों का ही नौवीं कक्षा के लिए नामांकन हो सका है। करीब छह हजार विद्यार्थियों की स्थिति स्पष्ट नहीं है। यह स्थिति केवल इस साल की नहीं है। लगभग हर साल कई बच्चे इसी तरह शिक्षा की मुख्य धारा से बाहर हो जाते हैं। साल 2022-23 में भी 3500 से अधिक विद्यार्थियों की स्थिति स्पष्ट नहीं थी। कोरोना काल में इस स्थिति में बड़ा अंतर रहा।




ये स्थितियां आईं सामने

शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों में ज्यादातर बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। कई मामलों में यह भी संज्ञान में आया है कि स्कूलों से अधिक दूरी होने की वजह से अभिभावकों ने आठवीं के बाद विद्यार्थियों का नामांकन नहीं कराया है। कई जगह नौवीं में दाखिले के लिए फीस जाने जैसी बातें भी बताई गई हैं। शिक्षकों का कहना है की ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लड़कियों की पढ़ाई छुड़वा दी जाती है।


बेसिक-माध्यमिक दोनों शिक्षकों को निभानी थी जिम्मेदारी

कक्षा नौ में विद्यार्थियों का शत प्रतिशत नामांकन माध्यमिक शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग दोनों को दी गई थी। माध्यमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं परिषदीय स्कूलों में कंपोजिट और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों आठवीं कक्षा पास करने वाले बच्चों का नजदीकी स्कूलों में नामांकन कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।

डीआईओएस देवकी सिंह का कहना है कि जिन छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं हो सका है उनके लिए नामांकन की तिथि को आगे बढ़ाने के लिए शासन स्तर से निर्देश मिले हैं। लिहाजा अभी विद्यार्थियों को नामांकन से जोड़ने के लिए लगातार अभियान चलाया जाएगा। इस प्रकार यह संख्या अभी आगे और बढ़ सकती है।


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