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पीडब्ल्यूडी को पिछले सत्र में ही दे दिया धन, अब तक नहीं शुरू हुआ 76 परिषदीय विद्यालयों का निर्माण कार्य

 

देवरिया। जनपद में 76 विद्यालयों का निर्माण कार्य अधर में अटका हुआ है। पिछले सत्र में ही इसके लिए बेसिक कार्यालय की ओर से नामित एजेंसी पीडब्ल्यूडी को 50 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। हालांकि अभी तक पीडब्ल्यूडी की ओर से निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। उधर जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते परिषदीय विद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों को समय से नया भवन भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है। इसे लेकर दोनों विभाग जमकर माथापच्ची भी रहे हैं।

सत्र 2022-23 में ही शासन की ओर से कुल 76 विद्यालय भवनों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। इनके निर्माण के लिए 12.68 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसमें 67 प्राथमिक व नौ उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं जो विभिन्न विकास खंडों में निर्मित होने हैं। निर्माण के लिए एजेंसी के रुप में पिछले सत्र में ही पीडब्ल्यूडी का चयन किया गया। इसमें इसके प्रांतीय खंड को 48 एवं निर्माण खंड को 28 विद्यालयों का निर्माण करना है। इसमें प्राथमिक के लिए 15.14 लाख एवं उच्च प्राथमिक के लिए 28.22 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सबसे खास बात तो यह है कि नामित एजेंसी को इसके लिए 50 प्रतिशत धनराशि बेसिक कार्यालय की ओर से उपलब्ध भी करा दी गई है, इसके बावजूद एजेंसी की ओर से इसमें लगातार देरी की जा रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो टेंडर प्रक्रिया की जटिलताओं के चलते जिले या मंडल स्तर का किसी भी ठेकेदार इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है।




पिछले सत्र में ही 76 विद्यालय भवनों के निर्माण के लिए चयनित एजेंसी पीडब्ल्यूडी को 50 प्रतिशत धन उपलब्ध कराया जा चुका है। हालांकि वहां से अभी इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में भी अधिकारियों को इस बारे में बताया जा चुका है।

....हरिश्चंद्र नाथ, बीएसए


विद्यालयों के निर्माण के लिए दो बार टेंडर विभाग की ओर से निकाला जा चुका है। हालांकि किसी ने इसके प्रति रुचि नहीं दिखाई है। कोई टेंडर क्यों नहीं डाल रहा है, यह उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा है। अब तीसरी बार टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

...मनोज कुमार पांडेय, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड


तीन बार टेंडर निकाला जा चुका है। अब तक किसी व्यक्ति ने इसे नहीं डाला है। समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।

...राजेश सिंह, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड

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