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संकट : मदरसा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला


यूपी के मदरसों के आधुनिकरण में अहम भूमिका निभाने वाले मॉर्डन शिक्षकों को पांच साल से मानदेय ही नहीं मिला है। प्रदेश के 8500 से अधिक मदरसे आधुनिकीकरण योजना से जुड़े हैं। 21000 शिक्षक छात्रों को अंग्रेजी, विज्ञान, गणित आदि पढ़ाते हैं।

इन शिक्षकों को योजना के तहत मानदेय का 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार को देना होता है। लेकिन साल 2017 से 2021 तक इन शिक्षकों को मानदेय ही नहीं मिला। साल 2022 के मानदेय का कुछ हिस्सा आया लेकिन 2022 के पहले और बाद से मानदेय नहीं मिल सका। शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। शिक्षकों की खस्ता हालत और मानदेय दिलाने के लिए इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने धरना, भूख हड़ताल कर सब किया लेकिन मानदेय नहीं दिलाया जा सका। एसोसिएशन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने कहा कि प्रदेश में 21000 शिक्षक तंगी से जूझ रहे लेकिन केन्द्र सरकार सुन नहीं रही।





12 और आठ हजार मिलता है मानदेय

एसोसिएशन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने कहा कि एक तो मदरसा शिक्षकों को बेहद कम मानदेय मिलता है वो भी नहीं मिल रहा। आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत एमए शिक्षक को 12 हजार और बीए शिक्षकों को आठ हजार रुपए मानदेय मिला है। जिसमें साठ फीसदी केन्द्रांश और चालीस राज्यांश होता है। राज्यांश मिल रहा है, मानदेय का बड़ा हिस्सा केन्द्र सरकार देती हैं जो नहीं आ रहा।

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