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इंस्पायर अवॉर्ड के लिए नहीं कर पा रहे इंस्पायर


देवरिया। इंस्पायर अवॉर्ड के लिए आवेदन करने में जनपद के माध्यमिक स्कूल लगातार पिछड़े हुए हैं। योजना के तहत कक्षा छह से 10 तक राजकीय व एडेड प्रत्येक विद्यालयों से पांच विद्यार्थियों को इसके लिए पंजीकृत करना है। 27 सितंबर तक मात्र 130 आवेदन हुए हैं।

इंस्पायर अवॉर्ड के लिए जिले के 19 राजकीय व 122 एडेड माध्यमिक स्कूलों के कक्षा छह से 10 तक के पांच-पांच विद्यार्थियों के नाम नामांकित किए जाने हैं। हालांकि, इन विद्यालयों की ओर से इस योजना के प्रति 20 सितंबर तक बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखाई गई। एक विद्यालय से पांच तो दूर एक भी विद्यार्थियों का नामांकन संबंधित वेबसाइट पर दर्ज नहीं कराया गया था।

शासन की ओर से जिले की स्थिति पर नाराजगी जताए जाने जब अधिकारियों की ओर से कड़ा रुख अपनाया गया तो कुछ प्रधानाचार्यों ने अपने यहां से ऑनलाइन पंजीकरण कराने में रुचि ली। यह तब है जब पिछले सत्र में जिले के अधिकतर माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षक मिले हैं।


विद्यार्थियों को प्रस्तुत करना है मॉडल व प्रोजेक्ट

अग्रसेन बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य गीता ने बताया कि योजना के तहत एक विद्यार्थी से किसी विषय पर 500 शब्दों में अपनी राय लिखनी है। साथ ही किसी मॉडल व प्रोजेक्ट को भी प्रस्तुत करना है। अब तो अधिकतर स्कूलों में विज्ञान शिक्षक भी तैनात हुए हैं। उनके यहां से भी पांच छात्राओं का ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया है। राजकीय कन्या विद्यालय इंदुपुर की प्रभारी प्रधानाचार्य प्रीति सिंह, जीआईसी के प्रधानाचार्य पीके शर्मा, कस्तूरबा राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रभारी प्रधानाचार्य विमला राय ने बताया कि उनके यहां से पांच विद्यार्थियों का इंस्पायर अवॉर्ड योजना में पंजीकरण कराया गया है।

बेसिक के विद्यालयों की भूमिका है नगण्य

जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी योजना के तहत आवेदन करना है। हालांकि, इन विद्यालयों के विद्यार्थियों का नामांकन भी बहुत ही कम है। इसके पीछे जिम्मेदारों द्वारा समय से सूचना न दिया जाना भी एक कारण है। देवरिया सदर क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय पगरा की विज्ञान शिक्षिका सुषमा राय ने रविवार को बताया कि इंस्पायर अवॉर्ड के बारे में उन्हें विभागीय स्तर पर सूचना समय से नहीं मिली। समय से मिल जाती तो अब तक बच्चों का पंजीकरण करा दिया जाता। अब 15 अक्तूबर तक तिथि हो गई है। उधर, डीसी प्रशिक्षण स्वप्नेश मंगलम ने बताया कि प्रयास किया जा रहा है। कितने आवेदन हुए हैं, इसके बारे में डीआईओएस ही बताएंगे, क्योंकि आईडी पासवर्ड उन्हीं के पास होता है।


ये अपने-अपने विद्यालयों में काम भी कर रहे हैं। हालांकि,
योजना के तहत विद्यार्थियों को तैयार नहीं कर पाने से इनकी कार्यक्षमता पर भी सवाल खड़े हो पाने से इनकी रहे हैं।

इंस्पायर अवॉर्ड के लिए जिले से 500 आवेदन का लक्ष्य है। राजकीय व एडेड विद्यालयों को इसके लिए प्रेरित कर इसे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। -महेंद्र प्रसाद, प्रभारी एडीआईओएस

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