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मिड डे मील... अप्रैल से नहीं पहुंचा विद्यालयों में खाद्यान्न व शिक्षक बने कर्जदार


फिरोजाबाद आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरे तो बच्चों के मध्याहन भोजन की थाली खाली रह सकती है। कारण कि अप्रैल से स्कूलों में खाधान्न नहीं पहुंचा। दिसंबर से कन्वर्जन कास्ट भी नहीं आई है। महंगाई के इस दौर उधारी के भरोसे शिक्षक भोजन बनवा रहे हैं।


मध्याहन भोजन योजना (मिड डे मील) सरकार की प्राथमिकता में है। इसके तहत बच्चों को प्रतिदिन भोजन परोसा जाता है। इसके लिए खाद्यान्न के तौर पर गेहूं, चावल सरकार उपलब्ध कराती है। उसे पकाने के लिए कन्वर्जन कास्ट उपलब्ध कराई




जाती है प्राइमरी स्कूलों में दिसंबर 2021 और जूनियर विद्यालयों में मार्च 2022 तक ही कन्वर्जन कास्ट पहुंच सकी है। लंबे समय से गुरुजी मिर्च मसाले, सब्जी उधार लेकर काम चला रहे हैं। अब खाद्यान्न भी विद्यालयों में खत्म हो गया है।

विद्यालयों में मार्च तक का खाद्यान्न ही भेजा गया था जो शिक्षकों ने अप्रैल और मई तक चला लिया।


जून मध्य में ही परिषदीय स्कूल खुल गए। अब खाद्यान्न संकट भी गहरा गया है। ऐसा शिक्षकों का कहना है।

नाम न छापने शर्त पर कहा कोटेदारों से खाद्यान्न उधार लेकर मध्याहन भोजन की व्यवस्था संचालित की जा रही है। मिर्च, मसाला खरीदकर परचून विक्रेताओं के कर्जदार हम बन चुके है।

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