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उत्तर के विकल्प का क्रम बदलने से हिंदी माध्यम वालों के कटे चार नंबर, उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अंग्रेजी के विकल्प को माना सही

प्रयागराज बीएड विषय के लिए हुई असिस्टेंट प्रोफेसर की लिखित परीक्षा में हिंदी माध्यम के विकल्प को सही करने के बावजूद अभ्यर्थियों को दो प्रश्नों के चार नंबर नहीं मिले। उधर, इन्हीं प्रश्नों के अंग्रेजी में उत्तर में वही विकल्प टिक करने वालों को इसका नंबर मिला है। यह गड़बड़ी प्रश्नों के हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में विकल्प का क्रम बदलने से हुई है। फिलहाल आयोग ने अंग्रेजी के विकल्प को सही माना है और कहा कि इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।



 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों में बीएड विषय के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) 112 असिस्टेंट प्रोफेसरों का चयन कर चुका है। प्रश्नों और उत्तरों में गड़बड़ी के चलते चयनितों को कालेज आवंटित नहीं हो पा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर आवंटन होते-होते रुक गया। इन गड़बड़ियों में दो प्रश्नों का मामला हिंदी और अंग्रेजी माध्यम को लेकर है। प्रश्नपत्र सीरियल ए के 41 और सीरियल बी के 58 नंबर का प्रश्न है- ‘सृजनात्मकता का संबंध है?’ इसका अंग्रेजी माध्यम में प्रश्न - ‘क्रिएटिविटी इज रिलेटेड टू।’ हिंदी माध्यम का विकल्प ‘सी’ ‘अपसारी चिंतन से’ सही है। जबकि अंग्रेजी में विकल्प ‘डी’ ‘डाइवर्जेंट थिंकिंग’ सही है। आयोग ने अंग्रेजी के विकल्प ‘डी’ को सही माना है। ऐसे में हिंदी माध्यम में सही विकल्प ‘सी’ को टिक करने वाले को इसका नंबर नहीं दिया। ऐसे ही पेपर सीरियल ‘ए’ के 53 और सीरियल ‘बी’ के 70 नंबर का प्रश्न है- ‘द्विपांक्तिक सहसंबंध गुणांक ज्ञात करने का सूत्र क्या है?’ इसका सही उत्तर ‘डी’ है। जबकि इसके अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न - ‘द फार्मूला फार द कैल्कुलेशन आफ प्वाइंट बाइसीरियल कोरिलेशन इन’ का उत्तर है ‘ए’। इसमें भी आयोग ने अंग्रेजी के विकल्प ‘ए’ को सही माना और हिंदी में सही विकल्प ‘डी’ को नंबर नहीं मिला। प्रत्येक सवाल दो नंबर का था। सही उत्तर के बावजूद हिंदी माध्यम वाले अभ्यर्थी को चार नंबर नहीं मिला। अभ्यर्थी बैजनाथ पांडेय ने बताया कि ऐसी गड़बड़ी पर आयोग को दोनों उत्तर सही मानते हुए नंबर देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

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