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सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कहीं शिक्षकों की कमी तो कहीं प्रयोगशाला का संचालन नहीं

 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कहीं शिक्षकों की कमी तो कहीं प्रयोगशाला का संचालन नहीं

मऊ। माध्यमिक स्कूलों में प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लेकिन सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कहीं शिक्षकों की कमी है तो कहीं प्रयोगशालाओं का संचालन न होने से प्रैक्टिकल शुरू नहीं हो सका है। इससे छात्र छात्रा परेशान हैं।



जिले में 14 राजकीय, 67 सहायता प्राप्त सहित 436 मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं। 2022 की यूपी बोर्ड हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा में हाईस्कूल में 44239, इंटरमीडिएट में 35679 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया है। परीक्षा से पहले प्रैक्टिकल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के प्रयोगशालाओं की स्थिति ठीक नहीं है। विद्यालयों में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान सहित विभिन्न विषयों के प्रवक्ता के पद रिक्त चल रहे हैं। प्रयोगशालाओं में सभी उपकरण हैं, लेकिन विषय विशेषज्ञ के पद रिक्त रहने से प्रयोगशाला का संचालन नहीं हो पा रहा है। कई विद्यालयों में छात्र संख्या ज्यादा होने से 11वीं तथा 12वीं की तीन-तीन दिन प्रयोगात्मक कक्षाएं संचालित हो रही है। इससे पूरा समय छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। जबकि अधिकांश मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कागज में ही प्रयोगशाला संचालित हो रही है। माध्यमिक स्कूलों में प्रयोगशालाओं की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यहां तो प्रयोगशालाओं के ताले तक नहीं खुलते हैं।

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