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शिक्षक पर्व के मौके पर पीएम मोदी ने दिए शिक्षकों को टिप्स

 शिक्षक पर्व के मौके पर पीएम मोदी ने दिए शिक्षकों को टिप्स

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना संकटकाल में शिक्षकों के योगदान को जमकर सराहा और उनकी क्षमता से भी परिचित कराया। उन्होंने कहा कि कठिन समय में आप सभी ने छात्रों के भविष्य के लिए जिस तरह से एकनिष्ठ होकर प्रयास किया है, वह अतुलनीय है। बावजूद इसके आप सभी ने अब तक जो जोश (स्पिरिट) दिखाया है, उसे अब और ऊंचाई देना होगा। इसके लिए लगातार इनोवेशन करते रहने और लर्निग-टीचिंग प्रोसेस को लगातार री-डिफाइन और री-डिजाइन करने के भी टिप्स दिए।


पीएम मोदी शिक्षा मंत्रलय की ओर से मनाए जा रहे शिक्षक पर्व के मौके पर देशभर के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शास्त्रों ने भी गुरु की महिमा का बखान किया है। हमारे शिक्षक अपने काम को पेशा नहीं मानते हैं। इसी तरह शिक्षक व छात्रों के बीच प्रोफेशनल रिश्ता नहीं होता है, बल्कि वह एक पारिवारिक रिश्ता होता है।

मोदी ने कहा कि मुश्किल समय में जो कुछ भी सीखा है, उसे नई दिशा दें। वैसे भी भारतीय शिक्षकों में किसी वैश्विक मानक पर खरा उतरने की पूरी क्षमता है। साथ ही उनमें भारतीय संस्कारों की एक विशेष पूंजी भी है। खुशी की बात यह है कि बदलाव का जब यह वातावरण बना हुआ है, ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य को दृष्टिगत करने वाली नीति है। इसके अमल का काम चल रहा है, लेकिन हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। पीएम ने इस मौके पर सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया और कहा कि इसके लिए समाज और प्राइवेट सेक्टर को आगे आना चाहिए। हाल ही में टोक्यो ओलिंपिक और पैरालिंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से भी मैंने अनुरोध किया है कि वे आजादी के अमृत महोत्सव पर कम-से-कम 75 स्कूलों में जाएं। इसे खिलाड़ियों ने स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने भी इस मौके पर शिक्षकों को संबोधित किया और पीएम की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में पीएम का जो मार्गदर्शन मिल रहा है, उससे हम नीति को और प्रभावी तरीके से लागू करने में कामयाब होंगे।

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