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कॉपी तक पहुंची व्हाट्सएप की भाषा, अब शिक्षक परेशान

 कॉपी तक पहुंची व्हाट्सएप की भाषा, अब शिक्षक परेशान

व्हाट्सएप और सोशल मीडिया की भाषा बच्चों के स्कूल की कॉपी तक पहुंच गई है। वर्तमान में संदेश भेजने के लिए स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है। सभी ने देखा होगा कि संदेश को लिखते समय कम से कम शब्दों का उपयोग किया जाता है। जैसे यू लिखने के लिए वाईओयू की जगह अंग्रेजी का अक्षर सिर्फ यू लिख देते हैं। प्लीज के लिए पीएलईएसई के स्थान पर पीएलजेड, बिकॉज के लिए बीईसीएयूएसई के स्थान पर सिर्फ कॉज या सीओजेड, थैंक्स के लिए टीएचएएनकेएस की जगह टीएचएनएक्स लिख देते हैं |


यहां तक की ग्रेट लिखने के लिए जीआरईएटी की बजाय जीआर और 8 अंक में लिखना आम बात है। व्हाट्सएप पर इस प्रकार का संक्षिप्त लेखन बहुत अधिक देखा जाता है। कोविड-19 के दौरान बच्चे भी इस प्रकार के शब्द लिखने के आदी हो गए। परिणाम स्वरूप यही भाषा बच्चों की कॉपी में भी दिखाई देने लगी है। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की अंग्रेजी शिक्षिका मृगनयनी आर्या बताती हैं कि बच्चों की कॉपी में अक्सर ऐसे शब्द देखने को मिल जाते हैं। ऐसे में वह उन शब्दों को गोला करके ठीक लिखने की सलाह देती हैं ।


क्यों लिखने लगे व्हाट्सएप की भाषा

भाषा के दो रूप होते हैं। एक सामान्य बोलचाल की भाषा और दूसरी साहित्यिक भाषा। बोलचाल की भाषा हमेशा परिवर्तित या विकसित होती रहती है क्योंकि इसका प्रयोग हम केवल व्यवहार के लिए ही करते हैं, जबकि साहित्यिक भाषा के प्रयोग है का दायरा असीमित और व्यापक है। विद्यालय में बच्चों को साहित्यिक भाषा सिखाई पढ़ाई जाती है। लेकिन वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में भाषा के दोनों रूपों के मिलने का यह परिणाम है कि व्हाट्सएप की भाषा बच्चे कॉपियों में भी लिखने लगे हैं। व्हाट्सएप पर हिंदी भाषा लेखन का परिवर्तन अंग्रेजी की अपेक्षा कम होने के कारण ज्यादा बदलाव अंग्रेजी भाषा में देखने को मिलता हैं।

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