Header Ads

कार्मिकों की जेब का गणित भी सुधारेगा अनुपूरक बजट, बढ़े मानदेय की सौगात दे सकती सरकार

 कार्मिकों की जेब का गणित भी सुधारेगा अनुपूरक बजट, बढ़े मानदेय की सौगात दे सकती सरकार

लखनऊ : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कील कांटा दुरुस्त करने में जुटी योगी सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में बुधवार को चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश करके विभिन्न वर्गों और लक्ष्यों को साधने की कोशिश करेगी। इस मकसद से सरकार मानदेय पर काम करने वाले सूबे के लगभग साढ़े सात लाख कार्मिकों को बढ़े मानदेय की सौगात दे सकती है। संकल्प पत्र में किए गए वादे को निभाने के लिए अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ा सकती है। वहीं, बीते साढ़े चार वर्षों में किए गए काम का बखान जनता के बीच करने के लिए सरकार अनुपूरक बजट के जरिए अपने प्रचार तंत्र के लिए और रकम का इंतजाम कर सकती है। अयोध्या, वाराणसी और गोरखपुर में विभिन्न परियोजनाओं के लिए भी खजाना खोला जा सकता है। बजट का आकार तीस हजार करोड़ रुपये संभावित है।


राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग साढ़े सात लाख कर्मचारी मानदेय पर काम कर रहे हैं। इनमें आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता, ग्राम प्रहरीए रोजगार सेवक, ग्राम प्रहरी, प्रांतीय रक्षक दल और रसोइया आदि शामिल हैं। इन कार्मिकों की यह मांग रही है कि एक तरफ महंगाई बढ़ रही है और दूसरी ओर बीते कई वर्षों से उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। ऐसे में उनका मानदेय बढ़ाया जाए। चुनावी साल में सरकार इन कार्मिकों का मानदेय बढ़ाकर उन्हें कुछ राहत दे सकती है। वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का वादा किया था। न्याय विभाग ने वित्त विभाग को इस बारे में प्रस्ताव भेजा है। चुनावी साल में अधिवक्ताओं को खुश करने के लिए सरकार अपने इस वादे को अमली जामा पहना सकती है। कोरोना से अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और निराश्रित हुईं महिलाओं की देखभाल के लिए भी अनुपूरक बजट में धनावंटन किया जा सकता है। निराश्रित हुईं बेटियों के विवाह के लिए भी सरकार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बटुआ ढीला कर सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं