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यूपी बोर्ड के लाखों विद्यार्थियों पर नहीं लगा हिंदी में फेल होने का कलंक

 यूपी बोर्ड के लाखों विद्यार्थियों पर नहीं लगा हिंदी में फेल होने का कलंक

कठिन विषयों की परीक्षा में फेल हो जाना आम बात है, लेकिन यूपी के छात्र-छात्रएं जब मातृभाषा में अनुत्तीर्ण होते हैं तो ये वाकया खास हो जाता है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में हर साल हंिदूी विषय में फेल होने वालों की तादाद लाखों में रही है। कोरोना की दूसरी लहर ने इस बार लाखों विद्यार्थियों पर हंिदूी में फेल होने का कलंक


लगने से बचा लिया है। सभी पंजीकृत विद्यार्थी मातृभाषा में उत्तीर्ण हैं। अर्धवार्षिक, वार्षिक या प्रीबोर्ड परीक्षा न देने वाले या फर्जी अंकपत्र लगाने वाले ही फेल हुए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के 27 हजार से अधिक कालेजों में दाखिला लेने वालों के लिए हंिदूी विषय अनिवार्य है। हाईस्कूल व इंटर परीक्षाओं की शुरुआत भी इसी विषय से होती है।

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