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कोरोना के कारण 1200 मतदाताओं पर बनेगा एक बूथ, 14 मई तक है यूपी विधानसभा का कार्यकाल

 कोरोना के कारण 1200 मतदाताओं पर बनेगा एक बूथ, 14 मई तक है यूपी विधानसभा का कार्यकाल

लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग ने कम मतदाताओं की संख्या वाले छोटे पोलिंग बूथ बनाने के निर्देश दिए हैं। अब अधिकतम 1200 मतदाताओं की संख्या पर एक पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। 30 सितंबर तक पोलिंग बूथ व पोलिंग सेंटर बन जाएंगे। इसके बाद मतदाता सूची में नाम जोड़ने व काटने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।




भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले दिनों उन पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की थी जहां 2022 में चुनाव होने हैं। इसी के बाद उत्तर प्रदेश में भी चुनाव तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। वर्तमान में 1.63 लाख से अधिक पोलिंग बूथ हैं। 1200 मतदाताओं पर एक पोलिंग बूथ बनाने से प्रदेश में करीब 24 से 25 हजार पोलिंग बूथ बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। एक पोलिंग सेंटर पर यदि ज्यादा बूथ हैं तो उन्हें भी दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग की कोशिश है कि किसी भी पोलिंग सेंटर पर बहुत अधिक बूथ न बनाए जाएं। इससे पोलिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ जाएगी। अभी 91572 पोलिंग सेंटर हैं। आयोग नए पोलिंग बूथ व पोलिंग सेंटर बनाने में इस बात का भी ध्यान रखेगा कि मतदाताओं को वोट देने के लिए दो किलोमीटर से अधिक दूर न जाना पड़े।

14 मई तक है यूपी विधानसभा का कार्यकाल

उत्तर प्रदेश विधानसभा की पहली बैठक 15 मई 2017 को हुई थी, इसलिए इसका कार्यकाल 14 मई 2022 तक है। उत्तर प्रदेश के साथ जिन चार राज्यों का चुनाव 2017 में हुआ था उनमें गोवा का कार्यकाल 15 मार्च, मणिपुर का 19 मार्च, उत्तराखंड का 23 मार्च व पंजाब का 27 मार्च को खत्म होगा। यदि इस बार भी पांचों राज्यों के चुनाव साथ हुए तो फरवरी व मार्च में मतदान हो जाएंगे।

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