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डंडे के बल पर लिया काम, तीन को ही मान रहे मृत:- पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित शिक्षकों की मौत का मामला

 डंडे के बल पर लिया काम, तीन को ही मान रहे मृत:- पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित शिक्षकों की मौत का मामला

गोरखपुर। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षकों की प्रदेश में कुल तीन संख्या मानने पर शिक्षक संगठनों ने विरोध जताया है।





शिक्षक संगठनों ने कहा कि कोविड महामारी के दौर में डंडे के बल पर चुनावी ड्यूटी में भेजा गया। जिससे शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक संक्रमित हुए और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। ड्यूटी के दौरान जान गवाने के बाद भी सरकार और आयोग उनके निधन को स्वीकार करने की बजाय बहानेबाजी कर रही है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बुधवार को ऑनलाइन बैठक की। जिसमें जिलाध्यक्ष राजेश धर दुबे ने कहा कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी में
लगाए गए शिक्षक प्रशिक्षण व चुनाव ड्यूटी में कोरोना संक्रमित होकर हजारों की संख्या में बीमार पड़े, 50 से अधिक शिक्षक काल के गाल समा गए, लेकिन सरकार केवल तीन शिक्षकों को ही चुनाव ड्यूटी मृत मान रही है। चुनाव में संक्रमण के बाद जब प्रदेश में लगभग 700 शिक्षकों की मृत्यु हो गई तब संगठन ने मतगणना रोकने की अपील की। जिला मंत्री श्रीधर मिश्र ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में संक्रमित हुए शिक्षक कुछ दिनों बाद मरे हैं लेकिन सरकार इस तथ्य को जानबूझ कर नजर अंदाज कर रही है। बैठक कोषाध्यक्ष सुधांशु मोहन सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरेंद्र राय, उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र ओझा, वीरेंद्र धर दुबे, डॉ. गोविंद राय, राजेश पांडेय, अजय , दिग्विजय राय मौजूद रहे।

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