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फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर कसा शिकंजा, लेकिन संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारी पर अभी कोई निर्देश नहीं

 फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर कसा शिकंजा, लेकिन संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारी पर अभी कोई निर्देश नहीं

वाराणसी : कोरोना का प्रकोप कम होते ही बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी जनपदों के बीएसए से चिह्नित संदिग्ध व फर्जी शिक्षकों की सूची तलब की है। परिषदीय विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन के लिए विवि को प्रेषित विवरण भी दो दिन में गूगल फार्म में मांगा गया है। अन्यथा संबंधित जनपदों के बीएसए व खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का वेतन रोकने की चेतावनी दी गई है।


जनपद में संदिग्ध एवं अनियमित रूप से नियुक्त शिक्षकों की जांच के लिए समिति भी गठित की गई है। समिति जनपद के सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच नए सिरे करा रही है। संदिग्ध डिग्रीधारी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच प्राथमिकता पर कराई जा रही है।

यही नहीं जनपद में बर्खास्त सात शिक्षकों से वेतन वसूली के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। इसमें एसआइटी की रिपोर्ट पर चार, एसटीएफ की रिपोर्ट पर एक व फर्जी पैनकार्ड पर दो शिक्षक शामिल हैं। वहीं एसटीएफ की रिपोर्ट पर एक अध्यापिका 31 मार्च को बर्खास्त की गई थीं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि ऐसे शिक्षकों का विवरण गूगल फार्म में विभाग को प्रेषित किया जा चुका है। कोरोना के चलते कई शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन अब तक नहीं हो सका है। फिलहाल सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।

परिषदीय विद्यालय
  • बेसिक शिक्षा विभाग ने दो दिनों के भीतर बीएसए से मांगा पूरा विवरण
  • गूगल फार्म में उपलब्ध न करने पर वेतन रोकने की दी चेतावनी
  • बर्खास्त सात शिक्षकों से वेतन वसूली के लिए प्राथमिकी भी दर्ज

संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारी पर अभी कोई निर्देश नहीं
विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री पर परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे 1130 शिक्षकों को चिह्नित किया है। सत्यापन रिपोर्ट शासन को भी सौंप दी है। इसमें वाराणसी में 28 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। इसके अलावा एक शिक्षक की डिग्री संदिग्ध है। संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारियों पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शासन से निर्देश आने के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई होनी तय है।

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