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ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान जुआ!, मोबाइल पर गेम का लिंक ओपन करते ही ठगों के जाल में फंस जाते हैं बच्चे

 ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान जुआ!, मोबाइल पर गेम का लिंक ओपन करते ही ठगों के जाल में फंस जाते हैं बच्चे

बच्चा अगर आनलाइन क्लास ले रहा है तो आपको भी सतर्क रहने की जरूरत है। आपने उसके लिए स्मार्ट फोन या लैपटाप लिया होगा। शायद आपको पता न हो कि आनलाइन क्लास के दौरान बच्चे वचरुअल गेम खेलने के साथ हार-जीत की बाजी लगा रहे हैं। वे पबजी, फायर शाट व अन्य गेम के माध्यम से आनलाइन जुए का शिकार हो रहे हैं।


आनलाइन क्लास के दौरान कुछ गेम के लिंक मोबाइल में आते हैं। क्लिक करते ही बच्चे उनके जाल में फंसने लगते हैं। एप डाउनलोड करने के बाद बच्चे जब गेम खेलते हैं तो पहले उन्हें तीन से पांच लाइफ (चांस) देकर गेम जिताया जाता है। इसके बाद काटेज (कारतूस), गन, वर्दी, हेलमेट, बाइक आदि खरीदने का दबाव बनाया जाता है। इनकी खरीदारी डालर में होती है। बच्चे डेबिट कार्ड का नंबर बताते हैं तो यह लोग डालर के अनुपात में रुपये खाते से निकाल लेते हैं। लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर समेत कई अन्य शहरों में इस तरह की शिकायतें दर्ज हुई हैं।

ऐसे करते हैं ठगी : बच्चे गेम के इतने लती हो जाते हैं कि वे चोरी से माता-पिता के डेबिट कार्ड से आनलाइन गेम के उपकरण खरीदने लगते हैं। इसके लिए बच्चे कभी-कभार ठगों की मांग पर माता-पिता के डेबिट कार्ड की फोटो तक भेज देते हैं, जिससे सारा ब्योरा जालसाजों के पास पहुंच जाता है।

डेबिट कार्ड इस्तेमाल के बाद डिलीट कर देते हैं मैसेज: साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट अजय बताते हैं कि बच्चे बहुत स्मार्ट हो चुके हैं। वे गेम खेलने के दौरान माता-पिता के डेबिट कार्ड का प्रयोग करते हैं। इस दौरान दो से तीन हजार रुपये एक बार में खाते से उड़ जाते हैं। जब बैंक से मोबाइल में खाते से ट्रांजेक्शन का मैसेज आता है तो वे इसे डिलीट कर देते हैं। माता-पिता इस कारण ध्यान नहीं दे पाते। जब वे 15-20 दिन अथवा इसके बाद बैलेंस चेक करते हैं तो खाते से भारी रकम निकलने का पता चलता है। इसके बाद वे हरकत में आते हैं।

मोबाइल पर गेम का लिंक ओपन करते ही ठगों के जाल में फंस जाते हैं बच्चे, गेम खेलकर खाली कर रहे माता-पिता का बैंक अकाउंट

न्यू हैदराबाद कालोनी के एक पुजारी का बेटा कक्षा पांच का छात्र है। पुजारी आनलाइन क्लास के लिए बच्चे को मोबाइल देते थे। क्लास के दौरान ही बच्चे को आनलाइन गेम का लिंक भेजा गया। गेम खेलने के दौरान बच्चे ने पिता के डेबिट कार्ड से भुगतान किया। भुगतान के दौरान 60-70 हजार रुपये जालसाज ने उड़ा दिए।

कैंट क्षेत्र में एक सैन्यकर्मी का बेटा नवीं कक्षा में है। मोबाइल गेम के दौरान उसे जुए की लत लग गई। इसके चक्कर में उनके बैंक खाते से 15 दिन में 40 हजार रुपये निकल गए। सैन्यकर्मी को तत्काल इसकी जानकारी भी नहीं हुई। उन्होंने साइबर क्राइम सेल में इसकी शिकायत की। पड़ताल हुई तो पता चला कि बेटा ही गेम और जुए में रुपये हार गया।

आनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे जुए की लत का शिकार हो रहे हैं। वह अभिभावकों के डेबिट कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। कई शिकायतें आई हैं। जांच की जा रही हैं। माता-पिता को चाहिए कि बच्चे जब आनलाइन क्लास के लिए उनसे मोबाइल लें तो बच्चों की गतिविधियों और उनके व्यवहार पर नजर रखें। अपने मोबाइल में आनलाइन भुगतान एप को लाक करके रखें। अगर खाते से रुपये निकलें तो साइबर क्राइम सेल में इसकी शिकायत करें।

- विवेक रंजन राय, एसीपी, साइबर क्राइम सेल

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