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बर्खास्तगी के बाद भी 15 परिषदीय शिक्षकों पर नहीं दर्ज हुई रिपोर्ट

 बर्खास्तगी के बाद भी 15 परिषदीय शिक्षकों पर नहीं दर्ज हुई रिपोर्ट

सुल्तानपुर। फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी हासिल करने वाले जिले के 18 शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई लेकिन प्राथमिकी सिर्फ तीन पर ही दर्ज कराई गई। शेष 15 बर्खास्त शिक्षकों पर फर्जीवाड़ा करने की प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। मामले में शासन ने नाराजगी जताई है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने बीएसए को पत्र भेजकर जवाब मांगा है।


जिले के परिषदीय विद्यालयों में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी कर दिया जाता है, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाता है। प्राथमिकी दर्ज कराने के मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों के स्तर से भी लापरवाही बरती जाती है।

एफआईआर दर्ज कराने का आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित रहता है। पिछले कुछ दिनों में कुल 18 फर्जी व नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्त हुए शिक्षक बर्खास्त किए गए हैं लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट सिर्फ तीन के खिलाफ ही दर्ज कराई गई है।
शेष 15 बर्खास्त शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है। पिछले दिनों शासन ने अनियमित तरीके से नियुक्त शिक्षकों के मामले में हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई व प्राथमिकी दर्ज कराने के मामले में आदेश की प्रति तलब की थी।
इसमें 18 पर बर्खास्तगी की कार्रवाई व सिर्फ तीन पर प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की रिपोर्ट भेजी गई थी। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने बीएसए को पत्र भेजकर 15 लोगों पर प्राथमिकी नहीं दर्ज कराने के मामले में नाराजगी जताई है।
बेसिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि एसटीएफ, जिला स्तरीय समिति व अन्य से संबंधित जांच की कार्रवाई की समीक्षा शासन स्तर पर निरंतर की जा रही है। बीएसए की ओर से प्राथमिकी दर्ज नहीं कराए जाने पर शासन ने नाराजगी जताई है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में बीएसए से जवाब मांगा है।
नहीं हो पाई रिकवरी
फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों के बर्खास्तगी के साथ ही प्राथमिकी दर्ज कराने व वेतन के रूप में अर्जित धनराशि की रिकवरी का भी आदेश जारी होता है। जिस तरह प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के मामले में शिथिलता बरती जाती है ठीक उसी तरह रिकवरी के आदेश भी ठंडे बस्ते में चले जाते हैं।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीएसए कार्यालय के पास इस बात का रिकॉर्ड नहीं है कि कितने बर्खास्त शिक्षकों के अर्जित वेतन की रिकवरी कर शासन के खाते में जमा कराए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी चरण मधुकर शुक्ल ने बताया किसी भी बर्खास्त शिक्षक से धनराशि की वसूली नहीं हो पाई है। वसूली के लिए पत्र जारी किया गया है।
दर्ज होगी प्राथमिकी
फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले जिले के 18 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। इसमें से तीन के विरुद्ध अब तक प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। शेष 15 के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। रिकवरी के मामले में भी पत्र जारी किया गया है।
- दीवान सिंह यादव, बीएसए।

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