Header Ads

फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी और वसूली नोटिस पर लगी रोक

फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी और वसूली नोटिस पर लगी रोक


प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की सेवा बर्खास्तगी और 53 लाख रुपये से अधिक के वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि अध्यापिका को सेवा में वापस लेकर अगले आदेश तक उसे वेतन का भुगतान जारी रखें।

औरैया की सहायक अध्यापिका नीलम चौहान की याचिका पर न्यायमूíत पंकज भाटिया ने यह आदेश दिया है। याची ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड से डिग्री ली है। 14 दिसंबर 2009 को उसकी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापिका हुई। बाद में प्रोन्नति पाकर वह जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापिका हो गई। बेसिक शिक्षा अधिकारी औरैया ने 26 जून 2020 को उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया कि वह फर्जी मार्कशीट पर नौकरी कर रही है। याची ने नोटिस का जवाब दिया। लेकिन, उस पर बिना विचार किए 29 जून को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद तीन जुलाई को 53 लाख 28 हजार 334 रुपये लिए गये वेतन की वसूली नोटिस भी जारी कर दिया गया। याची अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट एकलपीठ के आदेश के आधार पर विभाग ने फर्जी मार्कशीट वाले अध्यापकों की बर्खास्तगी और वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की थी।

इस आदेश पर नीलम चौहान की स्पेशल अपील पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 25 अगस्त 2020 को रोक लगा दी है।

कोई टिप्पणी नहीं