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जनगणना और एनपीआर २०२० में होने की संभावना क्षीण, इसे टाला जा सकता है एक साल के लिए

जनगणना और एनपीआर २०२० में होने की संभावना क्षीण, इसे टाला जा सकता है एक साल के लिए

जनगणना का पहला चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने का काम जो इस साल होना था‚ वह कोरोना वायरस महामारी के कारण टल गया है। इसके अभी एक और साल तक शुरू होने की
कोई संभावना नजर नहीं आ रही है क्योंकि संक्रमण के थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं॥। भारत में जनगणना दुनिया का सबसे बड़़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभियान है। इसमें ३० लाख से ज्यादा कर्मचारी/अधिकारी भाग लेते हैं। ये लोग देश के हर कोने में प्रत्येक मकान में जाकर वहां सर्वे करते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया‚ फिलहाल के लिए जनगणना कोई अनिवार्य कार्य नहीं है। अगर इसे एक साल के लिए टाल भी दिया जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा। अधिकारी ने बताया कि जनगणना २०२१ का पहला चरण और एनपीआर को अद्यतन करने का काम कब शुरू होगा‚ इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन यह लगभग पक्का है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण २०२० में यह काम नहीं होगा॥। जनगणना में मकानों को सूचीबद्ध करने और एनपीआर को अद्यतन करने का काम पहले एक अप्रैल से ३० सितम्बर‚ २०२० तक होना था‚ लेकिन कोविड़–१९ के कारण इसे टालना पड़़ा। अधिकारी ने बताया‚ चूंकि पूरे अभियान में लाखों अधिकारियों को भाग लेना होता है और इसमें प्रत्येक परिवार के पास जाना होता है‚ ऐसे में हम स्वास्थ्य खतरे को कमतर करके नहीं आंक सकते। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार‚ पूरे देश में जनगणना की तारीख एक मार्च‚ २०२१ होनी थी‚ जबकि जम्मू–कश्मीर‚ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड़ में बर्फ पड़़ती है‚ वहां इसकी तारीख एक अक्टूबर‚ २०२० थी॥।

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