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CBSE: सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम से धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रवाद जैसे अध्याय हटे

CBSE: सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम से धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रवाद जैसे अध्याय हटे

 कोरोना संकट के बीच सीबीएसई ने नौवीं से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम को 30 फीसद तक कम करके भले ही छात्रों को राहत देने की कोशिश की है, लेकिन इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। वैसे तो सीबीएसई ने करीब 190 विषयों के पाठ्यक्रमों को कम किया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा सोशल स्टडीज (एसएसटी), पॉलिटिकल साइंस और बिजनेस स्टडीज जैसे विषयों से हटाए गए चैप्टरों को लेकर है। इन विषयों से जो अहम चैप्टर हटाए गए हैं, उनमें राष्ट्रवाद, नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक अधिकार, फूड सिक्योरिटी जैसे चैप्टर शामिल हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि ‘जिन लोगों ने इन चैप्टरों को हटाने का फैसला लिया है, उनके इरादों पर शक होता है। क्या सरकार को लगता है कि ये चैप्टर आज की पीढ़ी के लिए सबसे बुरे हैं?’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने भी ट्वीट किया और कहा ‘मैं यह सुनकर हैरान हूं कि केंद्र सरकार ने नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता जैसे विषयों को सीबीएसई के पाठ्यक्रमों में कटौती के नाम पर हटा दिया है। मैं इस फैसले का विरोध करती हूं।’ माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार अपना एजेंडा लागू करने के लिए पाठ्यक्रम से कुछ चुनिंदा विषय हटा रही है। यह भारत की विविधता में एकता की भावना के विरुद्ध है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस फैसले को असंवैधानिक, लोकतंत्र के साथ क्रूर मजाक और निंदनीय बताते हुए कहा कि इसमें आश्चर्य नहीं होगा कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो। आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और मनीष सिसौदिया ने कहा कि सीबीएसई को यह बताना चाहिए कि उसने पाठ्यक्रम में कटौती किस आधार पर की। लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने पाठ्यक्रम में कटौती के नाम पर कुछ खास चैप्टर हटाने को एकतरफा और अलोकतांत्रिक कदम बताया है।

किस क्लास से कौन-कौन से अहम चैप्टरों को हटाया गया

कक्षा-9 विषय-एसएसटी के इकोनामिक्स के हिस्से से फूड सिक्यूरिटी इन इंडिया- चैप्टर हटाया गया। पॉलिटिकल साइंस के हिस्से से लोकतांत्रिक अधिकार और भारतीय संविधान का ढांचा जैसे चैप्टर शामिल है।

कक्षा -10 विषय-एसएसटी से लोकतंत्र और विविधता, जाति-धर्म और जेंडर के साथ लोकतंत्र की चुनौतियां जैसे चैप्टर हटाए गए हैं।

कक्षा-11 पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम से संघवाद, निरपेक्षवाद, नागरिकता और राष्ट्रवाद जैसे चैप्टर पूरी तरह से हटाए गए हैं, लोकल गर्वनमेंट चैप्टर से सिर्फ दो यूनिट हटाई गई हैं। जबकि बिजनेस स्टडीज विषय से जीएसटी।

कक्षा-12 पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम से सिक्यूरिटी इन कनटेंपररी वल्र्ड, इनवायरोनमेंट एंड नेचुरल रिसोर्स, सोशल एंड न्यू सोशल मूवमेंट इन इंडिया, रीजनल एसपिरेशंस जैसे चैप्टर शामिल हैं। प्लांट डेवलपमेंट चैप्टर से भी प्लानिंग कमीशन और पंचवर्षीय योजना जैसे हिस्से को हटाया गया है। भारत के विदेशी देशों के साथ रिश्तों वाले चैप्टर से भारत के पड़ोसी देशों के रिश्तों वाले हिस्से को हटाया गया है। जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार के बारे में बढ़ाया जाता है।

कक्षा-12 के बिजनेस स्टडीज विषय से नोटबंदी चैप्टर व इतिहास से उपनिवेशवाद जैसे चैप्टर को भी हटाया है।

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