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मानव संपदा पोर्टल: शिक्षकों के सेवा विवरण सत्यापन में सुस्ती, पोर्टल के जरिये फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करने का काम प्रभावित

मानव संपदा पोर्टल: शिक्षकों के सेवा विवरण सत्यापन में सुस्ती, पोर्टल के जरिये फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करने का काम प्रभावित


लखनऊ : मानव संपदा पोर्टल पर परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का सेवा विवरण दर्ज कराने और अपलोड किए गए ब्योरे के सत्यापन में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। चार बार समयसीमा बढ़ाई। कई जिले पिछड़े हुए हैं। इससे मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से फर्जी शिक्षकों का चिह्न्ीकरण प्रभावित है।

बेसिक शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों और कर्मचारियों का सेवा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने की मुहिम में बीते कई महीनों से जुटा है। भविष्य में शिक्षकों का वेतन, पेंशन सेवानैवृत्तिक लाभ और अवकाश स्वीकृति आदि के कार्य मानव संपदा पोर्टल के जरिए ही किए जाने हैं। चार बार समय सीमा बढ़ाने के बाद भी बीती 23 जुलाई तक मानव संपदा पोर्टल पर मात्र 76 प्रतिशत शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने अपने अभिलेखों का सत्यापन कराया था। कानपुर देहात में तो 50 फीसद से कम शिक्षकों ने अपने डेटा का सत्यापन कराया था। आगरा, संतकबीरनगर और शाहजहांपुर में 50 से 60 प्रतिशत शिक्षकों ने ही अपने आंकड़े दुरुस्त कराए थे। आजमगढ़, बांदा, बस्ती, बदायूं, बुलंदशहर, देवरिया, फरुखाबाद, फीरोजाबाद, गोरखपुर, हरदोई, झांसी, कन्नौज, अमरोहा, मथुरा, मीरजापुर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रायबरेली और सुलतानपुर में 60 से 70 फीसद शिक्षकों ने ही पोर्टल पर अपने डेटा का सत्यापन कराया है। लिहाजा बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पोर्टल पर शिक्षकों का त्रुटिरहित डेटा 15 दिन में फीड करा दें, क्योंकि इसकी निगरानी फर्जी शिक्षकों की जांच कर रही जिला समिति भी करेगी। सभी बीएसए से कहा कि किसी शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक के अभिलेख फर्जी या संदिग्ध मिले तो उसके विरुद्ध की गई कार्रवाई भी निदेशक कार्यालय को उपलब्ध कराएं।

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