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69,000 शिक्षक भर्ती मामला: शिक्षामित्रों के लिए 60-65 फीसदी कट ऑफ काफी ज्यादा- सुप्रीम कोर्ट

69,000 शिक्षक भर्ती मामला: शिक्षामित्रों के लिए 60-65 फीसदी कट ऑफ काफी ज्यादा- सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, प्रथमदृष्टया हमें भर्ती परीक्षा में शिक्षा मित्रों के लिए 60-65 फीसदी कट ऑफ काफी ज्यादा लगता है। कोर्ट ने अपनी इस मौखिक टिप्पणी में यह भी कहा, हमें नहीं लगता कि इस परीक्षा में बीएड छात्रों को शामिल करने पर कोई आपत्ति होनी चाहिए। इस मामले में सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस मोहन एम शांतनागौदर की पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक तौर पर कहा, हमें नहीं लगता कि भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन मंगाने से पहले या बाद में कटऑफ में फेरबदल करने में आपत्ति होनी चाहिए। दरअसल, अभ्यर्थियों के एक समूह ने परीक्षा प्रक्रिया के दौरान कटऑफ बढ़ाने को चुनौती दी है। पीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया शिक्षामित्रों के लिए 60-65 कट ऑफ अधिक नजर आता है। 
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने कहा, आवेदन मांगने के बाद कटऑफ बढ़ाना गलत है। बीएड छात्र सहायक शिक्षक परीक्षा में शामिल होने की पात्रता नहीं रखते। बीएड उम्मीदवारों ने छह महीने का ब्रिज कोर्स नहीं किया जो सहायक शिक्षक के लिए जरूरी अर्हता है। उन्हें केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में भर्ती किया जा सकता है। इस दौरान पीठ ने कहा, परीक्षा के लिए बीएड छात्रों की पात्रता को लेकर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।

भर्ती परीक्षा से संबंधित कई याचिकाएं दायर हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन सहित अन्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के छह मई के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का कटऑफ बढ़ाने का निर्णय सही ठहराया था। साथ ही भर्ती प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने को कहा था। बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 45 से 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 40 से बढ़ाकर 60 फीसदी कटऑफ निर्धारित की थी।

कटऑफ में बढ़ोतरी परीक्षा के बाद की गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नौ जून को अंतरिम आदेश पारित कर यूपी सरकार से कहा था कि वह शिक्षामित्रों के लिए 37,399 पदों पर छोड़कर नियुक्ति प्रक्रिया जारी रख सकती है। वहीं बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (बीटीसी) प्रशिक्षित उम्मीदवारों के एक समूह ने इस भर्ती परीक्षा में बीएड के छात्रों को शामिल करने को चुनौती दी है।

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