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एनसीईआरटी से अनुमोदित पुस्तकों से ही बनें प्रश्नपत्र, शिक्षा की डिग्री से लेकर सरकारी नौकरी पाने तक में फैल रहे भ्रष्टाचार पर हुआ मंथन

एनसीईआरटी से अनुमोदित पुस्तकों से ही बनें प्रश्नपत्र, शिक्षा की डिग्री से लेकर सरकारी नौकरी पाने तक में फैल रहे भ्रष्टाचार पर हुआ मंथन

प्रयागराज : शिक्षा की डिग्री से
लेकर सरकारी नौकरी पाने तक में फैल
रहे भ्रष्टाचार पर सोमवार को संस्था
सर्जनपीठ ने गहन विचार मंथन किया.
यह गोष्ठी वाट्सएप के जरिए हुई.
इसमें उपनिदेशक बेसिक शिक्षा
महेंद्र कुमार सिंह और डायट
प्राचार्य मथुरा ने कहा कि प्रश्नपत्र
एनसीईआरटी द्वारा अनुमोदित
पुस्तकों से ही बनाए जाएं। प्रश्नपत्र
मुद्रण करवाने के लिए एजेंसियों के
चयन में कठोर मानदंड बनाए जाएं।
अंतरराष्ट्रीय विज्ञानी प्रोफेसर केपी
मिश्र ने भारतीय शिक्षा, परीक्षा और
नियुक्तियों की खामियों पर बातें कहीं।
प्रोफेसर पारसनाथ पांडेय ने भी कई
सुझाव दिया। परिसंवाद आयोजक
आचार्य पं. पृथ्वीनाथ पांडेय ने कहा
कि प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं के
लिए कर्मनिष्ठ अधिकारियों की एक
स्वतंत्र समिति का गठन हो, जो
नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते
हुए सुयोग्य अभ्यर्थियों का चयन करा
सके। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के
अध्यक्ष प्रो, ईश्वर शरण विश्वकर्मा,
डॉ, कृपाशंकर पांडेय, अवधूत स्वामी
आनंद आदि ने भी विचार व्यक्त किए।