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दस विशेष ट्रेनों से 11 हजार श्रमिकों की घर वापसी, 20 और नई गाड़ियां चलेंगी

दस विशेष ट्रेनों से 11 हजार श्रमिकों की घर वापसी, 20 और नई गाड़ियां चलेंगी :- 


देश के आठ राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार के करीब 11 हजार प्रवासियों को लेकर शनिवार को दस स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के अनुरोध पर ये ट्रेनें चलाई गईं। राज्यों के मुताबिक, इन श्रमिकों को मेडिकल जांच के बाद बसों से उनके जिलों में भेजा जाएगा।

रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया, हमने 20 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई हैं। पांच दक्षिण के पांच राज्यों और महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से शनिवार को झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए 10 ट्रेनें रवाना हुईं। प्रत्येक ट्रेन में करीब 1000 से 1200 तक यात्री थे। बाकी ट्रेनें रविवार को चलाई जाएंगी। पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुक्रवार को चलाई गईं और अब ये रोज चलेंगी। राज्यों की जरूरतों को देखते हुए धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएंगी। पहली ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए चलाई गई, जो शुक्रवार देर रात हटिया पहुंची। इसी तरह महाराष्ट्र के नासिक से मध्य प्रदेश के लिए चली विशेष ट्रेन भी शनिवार सुबह भोपाल पहुंच गई। जबकि ग्वालियर से बिहार के लिए चली ट्रेन  करीब 1200 श्रमिकों को लेकर शनिवार दोपहर दानापुर पहुंच गई। एक ट्रेन गुजरात के साबरमती से आगरा के लिए रवाना की गई। जबकि रविवार सुबह एक विशेष ट्रेन नासिक से लखनऊ पहुंचेगी।
रेलवे की मुसीबत, 139 नंबर पर आ रहे धड़ाधड़ फोन
श्रमिक स्पेशल ट्रेन ने रेलवे के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। ट्रेन के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर  रेलवे स्टेशनों के चक्कर लगाने लगे हैं। पूछताछ नंबर 139 पर भी धड़ाधड़ फोन आ रहे हैं। रेलवे का कहना है कि स्टेशन पहुंचने के बजाय श्रमिकों को अपने राज्य के नोडल अधिकारी से संपर्क साधना चाहिए। उत्तर रेलवे जनसंपर्क अधिकारी ने स्पष्ट कहा, राज्य सरकार की मंजूरी वाले व्यक्ति ही ट्रेन में यात्रा कर सकेंगे।
राज्य प्रशासन की मांग पर चलेगी विशेष ट्रेन
नई दिल्ली। लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ने के साथ ही मजदूरों को गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे ने बताया, जोनल रेलवे, राज्य की मांग के हिसाब से ट्रेन चलाएगा। इसके लिए स्थानीय जिलाधिकारी और डीआरएम (संभागीय रेलवे प्रबंधक) एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं। जोनल सीपीआरओ  इस संबंध में हर सूचना देंगे।
महाराष्ट्र में सड़क पर उतरे 1000 श्रमिक
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में फंसे उत्तर भारतीय राज्यों के एक हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने शनिवार को सड़क प्रदर्शन कर गृह प्रदेश भेजने की मांग की। ये लोग चंद्रपुर के मेडिकल कालेज की कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते हैं, लेकिन निर्माण बंद है और अब वे घर लौटना चाहते हैं। श्रमिकों ने हाईवे जाम करने का प्रयास किया।
ओडिशा से लौटेंगे 60 हजार प्रवासी कामगार
ओडिशा सरकार ने विभिन्न राज्यों के 60 हजार प्रवासी कामगारों को वापस उनके गृह राज्य भेजने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलाधिकारियों और नगर निगम के आयुक्तों को लिखे पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके जेना ने प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने को कहा है। राज्य सरकार ने प्रवासी कामगारों को ‘अतिथि श्रमिक’ का दर्जा दिया है।
छत्तीसगढ़: 1 लाख लोग अन्य राज्यों में फंसे
छत्तीसगढ़ सरकार ने बताया कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के एक लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। इनमें बड़ी संख्या कामगारों की है। श्रम विभाग के सचिव सोनमनी बोराह ने कहा कि हमें लगभग 1,09,000 लोगों की जानकारी मिली है, लेकिन हम अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि उनमें से कितने वापस आएंगे। यह संख्या बड़ी हो सकती है, क्योंकि हमारे राज्य के कई लोग कहीं और काम कर रहे हैं। हम एक आकलन कर रहे हैं।

आठ ट्रेनें

  • जयपुर (राजस्थान) से पटना (बिहार) 1200

  • कोटा (राजस्थान) से हटिया (झारखंड) 1000

  • नासिक (महाराष्ट्र) से लखनऊ (यूपी) 850

  • नासिक (महाराष्ट्र) से भोपाल (मध्य प्रदेश) 347

  • लिंगमपल्ली (तेलंगाना) से हटिया (झारखंड) 1140

  • एर्नाकुलम (केरल) से भुवनेश्वर (ओडिशा) 1200

  • तिरुअनंतपुरम (केरल) से हटिया (झारखंड) 1200

  • साबरमती (गुजरात) से आगरा (यूपी)