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पेंशन खैरात नहीं बल्कि संवैधानिक अधिकार


प्रयागराज, । हिन्दुस्तानी एकेडमी में पेंशनर्स दिवस पर पेंशनर ने अपनी आतें रखी। पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. शिखा दरबारी रहीं। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद नई जिंदगी के कई पहलुओं पर अपनी बात रखी। कहा कि पेंशनर को चाहिए कि वह सामाजिक कार्यों से जुड़े रहें। बच्चों को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाएं।

पेंशनर्स एसोशिएसन के महामंत्री प्रदीप दत्ता समेत अन्य पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की बातें उठाई। सभी पेंशनर्स ने कहा कि पैंतीस, चालीस वर्ष की सेवा के पश्चात अवकाश ग्रहण करने पर एक सामाजिक सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए जो पुरानी पेंशन व्यवस्था ही दे सकती है। पेंशनरों ने कहा कि पेंशन कोई खैरात नहीं है, बल्कि प्रत्येक पेंशनर्स को प्राप्त उसका संवैधानिक अधिकार है।


पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी के रिटायर होने के पश्चात पेंशन उनके अंतिम वेतन के प्ररिप्रेक्ष्य में निर्धारित होती है, जबकि नई पेंशन व्यवस्था में कुछ भी निश्चित नहीं है। एक स्वर में सरकार से मांग की गई कि नई पेंशन व्यवस्था को वापस लिया जाए। कृपा शंकर श्रीवास्तव, सुदिश चंद्र, रोमाकांत शर्मा, सुरेंद्र प्रसाद, निर्मल श्रीवास्तव, रामविलास सिंह, नमिता, हीरेंद्र आदि शामिल रहे।

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