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भ्रष्टाचार के समुद्र में गोते लगा रहे बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर, रिश्वत लेने के एक के बाद एक कई मामलों के खुलासे ने विभाग की छवि को किया धूमिल


शामली : निलंबित शिक्षिका को बहाल करने के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले ने बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही अवैध उगाही और भ्रष्टाचार की पोल एक बार फिर खोल दी है। यहां अधिकारी भ्रष्टाचार के समुद्र में रोते लगा रहे हैं। अवैध कमाई के चक्कर में विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है। न सिर्फ तबादले के नाम पर वसूली की जा रही है, बल्कि लिपिकों के पटल बदलने में भी खेल रहा है।


पिछले दस माह की बात हो करें, तो पांच प्रकरण सामने आए, जिनमें से वे मामलों में बीएसए पर भी आरोप लगे गत नवंबर माह में कांधला क्षेत्र के गांव मखमूलपुर निवास सुधीर पुत्र रतन सिंह को और से महानिदेशक स्कूली शिक्षा लखनऊ विजय किरन आनंद के नाम पत्र भेजकर बेसिक शिक्षा अधिकारी पर तबादला के नाम पर लेनदेन समेत कई गंभीर और आपतिजनक भी आरोप लगाए गए थे। ई-मेल की सीसी लखनऊ, मंडल और जिला स्तर के करीब 36 अधिकारियों को की गई थी।

इस मामले में डीएम की और से भी जांच शुरू कराई गई थी, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी। पत्र वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था। अब शिक्षिका रीना से एक लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में लिपिक परिश्रम सैनी के साथ ही बीएसए राहुल मिश्रा पर मुकदमा दर्ज होने के बाद सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा सहारनपुर योगराज सिंह की और से महानिदेशक को पूरे मामले से अवगत करा दिय गया है। बताया गया कि प्रकरण में शासन स्तर से गंभीरता बरतते हुए निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।

विभाग के पास लिपिकों की कमी है। इस कारण भूमेश कुमार को नगर क्षेत्र से बीएसए कार्यालय में संबद्ध कर रखा है। वह कब से यहां तैनात हैं इसकी जानकारी नहीं है, मैं दस माह पहले ही जिले में आया था। – राहुल मिश्रा,

भ्रष्टाचार का आरोप बहुत आपत्तिजनक स्थिति है। अधिकारियों को पूरी निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिए। मेरी ओर से महानिदेशक को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। साथ ही लिपिक सेटपाल के प्रकरण में बीएसए से आख्या मांगी गई है, लेकिन अभी आख्या नहीं मिल सकी। –योगराज सिंह सहायक निदेशक

मठाधीश लिपिक संभाल रहे सालों से कई पटल

शिक्षा विभाग में एक नहीं कई लिपिक ऐसे है जो मठाधीश बने हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष नितिन पवार समेत कई शिक्षक संगठनों की ओर से जिला स्तर से लेकर लखनऊ स्तर के अधिकारियों से लिपिक सेदपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई है, लेकिन विभाग की और से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। महानिदेशक लखनऊ के आदेश के बाद अब एडी बेसिक सहारनपुर ने बीएसए राहुल मिश्रा से इस मामले में आख्या मांगी है। वहीं दूसरे लिपिक भूमेश कुमार की तैनाती नगर क्षेत्र में है लेकिन पिछले नौ साल से यह बीएसए कार्यालय से संबद्ध है। साथ ही उनको पांच मुख्य पटल संभालने की भी जिम्मेदारी दे रखी है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा का आदेश है कि पाच साल से ज्यादा लिपिक एक पटल पर नहीं रह सकता है।

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