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बिना शिक्षक कैसे निपुण बनेंगे परिषदीय स्कूलों के बच्चे


वाराणसी जिले में परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भाषा व गणित में दक्ष बनाने की केंद्र सरकार की निपुण भारत मिशन योजना का बुरा हाल है।



जिले के 32 स्कूलों में एक शिक्षक पड़ा रहे हैं। जबकि छह स्कूलों में शिक्षामित्रों ने कमान संभाल रखी है। देखा जाए तो छह विद्यालय बिना शिक्षक के हैं। इन विद्यालयों में छात्र कैसे निपुण बन रहे होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।






नगर क्षेत्र में कुल 161 विद्यालय हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों के प्रमोशन नहीं हुए हैं जो प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक थे, वो सेवानिवृत्ति हो चुके हैं। नई भर्ती न होने के कारण नगर क्षेत्र के विद्यालय में शिक्षकों की कमी बनी हुई है।

मिशन के तहत छात्रों को दक्ष बनाने का जिम्मा स्थायी शिक्षकों व शिक्षामित्रों पर है। इसके लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण भी चल रहे हैं। शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षामित्र हैं, उनमें से कुछ बीएलओ के काम में लगे हैं। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वह दूसरे विद्यालय के अटैच शिक्षकों के सहारे चल रहे है।

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