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महंगी किताबें बेचने वाले प्रकाशकों पर होगा केस





प्रयागराज, यूपी बोर्ड की अनाधिकृत और महंगी किताबें बेचने वाले प्रकाशकों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को बुधवार को पत्र लिखा है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्तर की विभिन्न विषयों की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के मुद्रण और वितरण के लिए तीन प्रकाशकों को अधिकृत किया गया है।




बोर्ड ने गुणवत्तापूर्ण एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें बहुत सस्ते दर पर उपलब्ध कराई है, लेकिन तमाम निजी प्रकाशक अनाधिकृत रूप से महंगी दर पर किताबें बाजार में बेच रहे हैं, जो उचित नहीं है। सचिव ने ऐसे निजी प्रकाशकों के खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई कराने के आदेश दिए हैं। इसी के साथ तीनों प्रकाशकों के नाम और नंबर उपलब्ध कराएं हैं।

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने एनसीईआरटी की सस्ती किताबें बाजार में उपलब्ध न होने की खबरें 15 और 16 जुलाई को प्रकाशित की थीं। जिसके बाद यूपी बोर्ड के अधिकारी हरकत में आए हैं। 15 जुलाई को ‘73 रुपये की किताब 265 में खरीद रहे बच्चे’ शीर्षक से समाचार हिन्दुस्तान में प्रकाशित होने के बाद यूपी बोर्ड के अपर सचिव ने तीनों प्रकाशकों को पत्र लिखकर सभी जिलों में सस्ती किताबें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।

‘हिन्दुस्तान’ में एनसीईआरटी की सस्ती किताबें बाजार में उपलब्ध न होने की खबरें प्रकाशित होने के बाद प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों ने भी पहल की है। इलाहाबाद इंटर कॉलेज के प्रबंधक और पूर्वांचल विवि के पूर्व कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने स्कूल की प्रधानाचार्य को बुलाकर परिसर में संचालित किताबों की दुकान से सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें बिकवाने को कहा है। केपी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. योगेन्द्र सिंह समेत कई स्कूलों के प्रधानाचार्य प्रार्थना सभा में बच्चों को बोर्ड की अधिकृत और सस्ती एनसीईआरटी किताबें ही खरीदने को बोल रहे हैं।

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