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अफसरों की निगरानी में लगेगा प्रति शपथपत्र

उत्तर प्रदेश में सरकारी मुकदमों को निपटाने में छोटे अधिकारी ही नहीं आला अफसर तक अदालतों में विरोधाभासी तथ्य पेश कर रहे हैं और उनमें कहीं भी तालमेल नहीं दिखता। यह हाल कई अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व विभागाध्यक्षों का है।


मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने खुद यह आकलन किया है और हाल में लंबित मुकदमों के जल्द निपटाने के लिए हुई अहम बैठक में पत्रावली देख कर उन्हें कहना पड़ा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। अब उन्होंने नई व्यवस्था दी है कि मुकदमों के निपटारे में प्रति शपथपत्र को खुद संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव देखेंगे। स्वयं संतुष्ट होने पर ही अदालत में प्रतिशपथ पत्र दाखिल कराएंगे। इस संबंध में आदेश जल्द जारी होगा। मुख्य सचिव ने पूछा कि मौजूदा व्यवस्था में क्या कमी है कि न्यायालय में मुकदमों का जल्द निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

9 अगस्त तक बनेगा ऑनलाइन पोर्टल : अब तय हुआ है कि मुकदमों के जल्द निस्तारण के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनेगा। यह काम इस साल 9 अगस्त तक पूरा होगा। इसमें मुकदमों का ब्यौरा, जिले व विभाग का नाम दर्ज होगा। साथ ही रिट की प्रति भी पोर्टल पर उपलब्ध हो। इसे रोजाना अपडेट किया जाएगा। यह भी तय हुआ कि सरकार द्वारा नियुक्त अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता, स्थाई अधिवक्ताओं में विभागों का बटवारा किया जाएगा। इससे पैरोकार को पहले से यह पता रहेगा कि उनके मुकदमों को कौन स्थाई अधिवक्ता देख रहा है। एक ही प्रकृति के मुकदमों को क्लब कर एक साथ सुनवाई के लिए अदालत से अनुरोध किया जाएगा। वित्त, न्याय विभाग से कहा गया है कि वह अपना परामर्श देने में विलंब न करें।

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