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शिक्षामित्रों को छात्र और शिक्षक अनुपात में शामिल करने पर जताई नाराजगी


प्रयागराज विधानसभा में चर्चा के दौरान प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने शिक्षा मित्रों एवं अनुदेशकों को बतौर शिक्षक शामिल कर प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात को निर्धारित मानक के अनुसार बताने पर युवा मंच ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जताई है।


युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि खुद बेसिक शिक्षा मंत्री सदन में जानकारी दे रहे हैं कि नियमित शिक्षकों के आधार पर प्रदेश में छात्रः शिक्षक अनुपात आरटीई अधिनियम के मानक के अनुरूप नहीं है। लेकिन उनके द्वारा बताया गया कि शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों को शामिल कर मानक पूरा होता है। यह आरटीई अधिनियम का उल्लंघन है। छात्रः शिक्षक अनुपात में सिर्फ नियमित शिक्षक ही शामिल हो सकते हैं। इसमें शिक्षा मित्रों और
अनुदेशकों को शामिल करना आरटीई अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है। इस बाबत युवा मंच ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र ट्वीट कर विस्तृत जानकारी से अवगत कराया है। कहा कि पूर्व में सरकार ने 97 हजार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का वादा किया था और सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दाखिल कर 51112 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने संबंधी वादा किया गया था। लेकिन अब सरकार शिक्षक भर्ती से इंकार कर रही है जिससे युवाओं में भारी नाराजगी है। युवा मंच अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की भयावह स्थिति बरकरार है लेकिन योगी सरकार कुछ भी ठोस कदम इसे हल करने के लिए उठा नहीं रही है। बेरोजगारी के मुद्दे पर युवा मंच जल्द अभियान शुरू करेगा।

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