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मातृत्व लाभ में दो वर्ष का अंतर जरूरी नहीं

 प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि दो वर्ष के भीतर दूसरा मातृत्व अवकाश देने से इन्कार करना मनमाना व विधि विरुद्ध है। मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के तहत ऐसी समय सीमा तय नहीं है। इसके तहत सरकारी विभाग में नौकरी करने वाली गर्भवती महिला को 26 हफ्ते का अवकाश व मातृत्व लाभ पाने का अधिकार है। इसके लिए उसे लिखित मांग करनी होगी। नियोजक अवकाश पर जाने व लाभ का भुगतान करने के लिए बाध्य है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने वंदना गौतम की याचिका पर दिया है।



कोर्ट ने कहा कि फाइनेंशियल हैंड बुक के नियम-153 (1) के अंतर्गत दो बच्चों में दो साल का अंतर होने पर मातृत्व लाभ पाने का हक दूसरे कानून में उपबंध न होने की दशा में लागू होगा। कोर्ट ने खंड शिक्षा अधिकारी डोभी जौनपुर के याची को दो वर्ष के भीतर दोबारा मातृत्व लाभ देने से इन्कार के आदेश को रद्द कर दिया है और वेतन भुगतान सहित अवकाश स्वीकृत करने का निर्देश दिया है। विभाग का कहना था कि याची को दो जुलाई 2020 से 28 दिसंबर 2020 तक मातृत्व लाभ दिया गया था।

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