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लापरवाही पर जवाब न देने वाले 38 शिक्षकों का रोका वेतन

एटा। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांजेक्शन (डीबीटी) के माध्यम से परिषदीय बच्चों को यूनिफॉर्म और जूते-मौजे के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जानी थी। इसमें लापरवाही बरतने वाले 38 शिक्षकों का वेतन रोका गया है। साथ ही इनकी सूची शासन को भेजी गई है।


बीएसए संजय सिंह ने बताया कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले डीबीटी के कार्य में लापरवाही बरती गई। इसकी वजह से 2293 बच्चों को सर्दी में जूते-मौजे और यूनिफॉर्म नहीं मिल सकी। इसको गंभीरता से लिया गया है और लापरवाही बरतने वाले 38 शिक्षकों की सूची महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उप्र को भेजी गई है।

बताया कि शैक्षिक सत्र में जूते-मौजे, स्वेटर, स्कूल बैग और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए छात्र-छात्राओं को डीबीटी के माध्यम से 1100 रुपये दिए जाने थे। ये रकम अभिभावकों के खातों में भेजी जाती है। इसके लिए आधार कार्ड को खाते से लिंक कराने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों को ही दी गई है। डीबीटी की रकम से वंचित बच्चों के मामले में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और बीईओ को 24 फरवरी और बाद में 26 फरवरी तक जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया था। इनमें से 38 शिक्षकों की ओर से संतोषजनक जवाब दाखिल नहीं किया गया। वेतन रोकते हुए इनकी सूची कार्रवाई के लिए शासन को भेजी गई है।

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