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स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम से कोराेनाकाल की खाई पाटने में जुटा बेसिक शिक्षा विभाग

 स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम से कोराेनाकाल की खाई पाटने में जुटा बेसिक शिक्षा विभाग

प्रयागराज : करीब दो साल से परिषदीय स्कूल बंद हैं। पठन पाठन भी पटरी पर नहीं है। परिस्थितियां जैसे जैसे सामान्य हो रही हैं, स्कूल के साथ विद्यार्थियों व अभिभावकों को भी अपडेट किया जा रहा है। प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश के स्कूलों में रेडिनेस कार्यक्रम चल रहा है। इसके तहत स्कूलों, विद्यार्थियों व अभिभावकों को अपडेट किया जा रहा है। जिले में बेसिक शिक्षा के प्राथमिक विद्यालयों के 12 हजार 409 शिक्षकों व शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित किया जाना है। मऊआइमा, करछना, चाका, कोरांव में प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। अन्य विकासखंडों में भी प्रशिक्षण अंतिम दौर में है। समन्वयक प्रशिक्षण डा. विनोद मिश्र ने बताया कि प्रशिक्षण लेने वाले सभी अध्यापक अभिभावकों से मिलेंगे। उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करेंगे कि वह बच्चों की पढ़ाई में रुचि लें। नियमित बच्चों को स्कूल भेजने के साथ पाठ्य सामग्री से भी जुड़ें और शिक्षकों से भी संवाद करें।



घरेलू वातावरण देने का प्रयास 
समन्वयक प्रशिक्षण ने बताया कि कई विद्यार्थी कोरोना काल के बाद स्कूल नहीं आना चाहते हैं। उनकी उदासीनता को खत्म करने के लिए विद्यालय में घरेलू वातावरण देने का प्रयास हो रहा है। कोशिश है कि मनोरंजन के साथ उनके बौद्धिक स्तर को बढ़ाया जाए। शिक्षकों को अध्यापन की शुरुआत घरेलू सवाल जवाब के साथ करने की सीख दी जा रही है। 

कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण 
नई शिक्षा नीति के तहत ईसीसीई (अर्ली चाइल्ड केयरिंग एंड एजुकेशन कार्यशाला) का आयोजन आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए किया गया है। इस कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसका लाभ तीन साल तक के बच्चों को मिलेगा। उन्हें विद्यालय में बैठने, बोलने व सामान्य व्यवहार के तौर तरीके समझाए जाएंगे।

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