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स्कूलों में धधक रहे चूल्हों की हकीकत देखने आएगी टीम:- एमडीएम व डीबीटी प्रणाली का करेगी भौतिक सत्यापन, बच्चों को मिलने लगा मेन्यू वाला भोजन, दूध व फल

 स्कूलों में धधक रहे चूल्हों की हकीकत देखने आएगी टीम:- एमडीएम व डीबीटी प्रणाली का करेगी भौतिक सत्यापन, बच्चों को मिलने लगा मेन्यू वाला भोजन, दूध व फल

प्रतापगढ़। प्राथमिक विद्यालयों में एमडीएम व डीबीटी प्रणाली का भौतिक सत्यापन करने के लिए शासन की ओर से गठित अफसरों की टीम कभी भी जिले के स्कूलों में धमक सकती है। टीम आने की भनक लगने के बाद ही प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मेन्यू के अनुसार खाना, फल व दूध भी मिलने लगा है। कई विद्यालयों में चोरी की वारदात का दावा कर गुरुजी अब भी चूल्हे पर भोजन बनवा रहे हैं।



कोरोना में प्राथमिक विद्यालय बंद होने के बावजूद बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में राशन, जूता, मोजा व स्वेटर की धनराशि डीबीटी (डायरेक्ट वेनीफिट ट्रांसफर) प्रणाली के माध्यम से भेजी जाती रही। बच्चों को समय पर एमडीएम सहित अन्य योजना का लाभ मिल रहा है कि नहीं। जिसकी हकीकत की जांच करने के लिए शासन ने टीम का गठन किया है। अलग- अलग विभागों के अफसरों की टीम 10 से लेकर 15 दिसबंर तक किसी भी दिन भौतिक सत्यापन करने के लिए धमक सकती है। टीम आने की जानकारी का पत्र बीएसए कार्यालय में आते ही हड़कंप मच गया।

पूरे जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को निर्देश देकर एमडीएम बनवाकर बच्चों को समय पर देने का फरमान जारी किया है। शहरी क्षेत्र के साथ ही कुंडा, पट्टी, लालगंज, रानीगंज व सदर क्षेत्र के कई प्राथमिक विद्यालयों में एमडीएम का भोजन अब तक बच्चों को नहीं परोसा जा रहा था। अब टीम के आने की सुगबुगाहट के बाद सभी विद्यालयों के बच्चों को गुरुजी मेन्यू के अनुसार भोजन, फल व दूध परोसकर बिगड़ी स्थिति को सुधारने में लगे हैं।
एमडीएम का सामान चोरी होने की होती रहती है शिकायतों
कोरोना की वजह से दो वर्ष तक प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे नहीं आ रहे थे इस दौरान एमडीएम नहीं बन रहा था। चर्चाओं के अनुसार गुरुजी के इशारे पर रसोइयां गैस सिलेंडर सहित खाद्यान बेचा जाता रहा। अब टीम जांच करने आ रही। तब कंधई, अंतू, रानीगंज व मानधाता क्षेत्र के एक दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में बीते चार दिन के भीतर एमडीएम का सामान चोरी होने का मामला प्रकाश में आ रहा है। फिलहाल चोरी के मामलों की जांच कर रही पुलिस घटना को संदिग्ध बता कर मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है। इससे शिक्षकों का सिरदर्द बढ़ गया है।

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