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घनघनाने लगे फोन, कहिन लगे - मैडम... हमारे खाते में न आया रुपया

 घनघनाने लगे फोन, कहिन लगे - मैडम... हमारे खाते में न आया रुपया

फिरोजाबाद : डीबीटी के जरिए यूनिफॉर्म एवं ड्रेस आदि सामग्री के लिए आई धनराशि अब शिक्षकों के लिए परेशानी बन गई है। सरकार ने सीधे इन्हें खातों में भेजा है, लेकिन जिन छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं आई है, वो गुरुजी को फोन पर फोन मिला रहे हैं।


एका ब्लाक में कार्यरत एक शिक्षक की मानें तो बुधवार से अब तक 40 फोन आ गए हैं तो कई अभिभावक तो स्कूल तक आ गए। इनका एक ही सवाल होता है हमारे खाते में रुपया क्यों नहीं आया। शिक्षक इन्हें समझाते समझाते परेशान हैं कि एक-दो दिन में धनराशि पहुंच जाएगी, लेकिन कुछ जिद पर अड़ जाते हैं। स्थिति टूंडला ब्लॉक में बनी हुई है। यहां पर भी कई बच्चों के खाते में धनराशि नहीं पहुंची है। शिक्षकों के पास में यहां भी लगातार फोन घनघना रहे हैं कि आपने बच्चे का नाम भेजा था या नहीं ।


लगातार आ रहे फोन के बाद सोशल मीडिया पर डीबीटी खासी चर्चा में है। एक ग्रुप पर बुधवार को इस पर लंबी बहस भी होती दिखाई दी। इसमें शिक्षक एक दूसरे से पूछ रहे थे कि तुम्हारे यहां कितने बच्चों की आई।

अभिभावकों को डर, कहीं रह न जाएं

अभिभावकों को डर इस बात का सता रहा है कि स्कूल से कहीं उनका नाम या खाता तो गड़बड़ नहीं हो गया। ऐसे में बैंक में रुपये न आने पर वह लगातार शिक्षकों को फोन कर रहे हैं।

• बीएसए को भी मिलाए फोन

इधर कुछ अभिभावकों ने तो बीएसए को भी फोन मिला कर अपने खाते में धनराशि न आने की बात कही। इस पर बीएसए ने उन्हें जल्द से जल्द धनराशि पहुंचने का आश्वासन दिया।

धनराशि सीधे खातों में हस्तांतरित की जा रही है। सभी अभिभावक धैर्य रखें, जल्द से जल्द धनराशि खातों में पहुंचेगी। हम उच्चाधिकारियों के संपर्क में हैं। अंजलि अग्रवाल, बीएसए

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