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आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग ने 10 हजार शिक्षकों का वेतन रोका, रखी यह 'शर्त'

 आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग ने 10 हजार शिक्षकों का वेतन रोका, रखी यह 'शर्त' 

विभाग की ओर से जारी किया गया है कि शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का जुलाई माह का वेतन कोरोना वैक्सीन लगने के संबंध में प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही जारी किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग ने आगरा जिले के परिषदीय स्कूलों के करीब 10 हजार शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया। इसमें लिखा है कि जिले में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का जुलाई माह का वेतन कोरोना वैक्सीन लगने के संबंध में प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही जारी किया जाएगा। वित्त एवं लेखाधिकारी से हुई वार्ता के क्रम में आदेश जारी किया गया है।

 
खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वह संबंधित ब्लॉक में सभी शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के साक्ष्य प्राप्त कर सुनिश्चित कर लें  कि उन्होंने टीकाकरण करा लिया है। जिन शिक्षकों और कर्मचारियों ने टीकाकरण नहीं कराया है, उनकी सूची दो दिन के अंदर उपलब्ध कराएं, जिससे वित्त एवं लेखाधिकारी को जानकारी दी जा सके। इधर, वेतन रोके जाने से शिक्षकों में रोष है। 


दो दिन में उपलब्ध कराएं टीकाकरण की रिपोर्ट

प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजराज सिंह ने कहा कि लेखाधिकारी से वार्ता के क्रम में खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है कि वह शिक्षकों से टीकाकरण की रिपोर्ट लेकर दो दिन में उपलब्ध कराएं।  जिनको वैक्सीन लग चुकी है, उनका प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर वेतन जारी कर दिया जाएगा।

मनमानी के विरुद्ध संगठन आंदोलन करेगा

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ  के जिलामंत्री बृजेश दीक्षित ने कहा कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले शिक्षकों का भी वेतन रोक दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी शिक्षकों को सजा दे रहे हैं। मनमानी के विरुद्ध संगठन आंदोलन करेगा। 

'टीकाकरण का प्रमाणपत्र मांगा गया है'

बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी पंकज सिंह ने कहा कि वेतन बिल बनाकर कोषागार में भेज दिया गया है। कोषागार से शिक्षकों और कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने का प्रमाणपत्र मांगा गया है।



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