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बच्चों के लिए कोरोना टीका जल्द आने की उम्मीद बढ़ी, स्कूल-कालेज खोलने पर केंद्र जल्द लेगा फैसला: वैक्सीनेशन की मांगी रिपोर्ट-Primary ka master

 बच्चों के लिए कोरोना टीका जल्द आने की उम्मीद बढ़ी, स्कूल-कालेज खोलने पर केंद्र जल्द लेगा फैसला: वैक्सीनेशन की मांगी रिपोर्ट-Primary ka master

नई दिल्ली: कोरोना से बच्चे लंबे समय से स्कूलों से दूर हैं। उनकी जिंदगी घर की चारदीवारी व मोबाइल स्क्रीन तक सिमट गई है। तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है। अच्छी बात यह है कि बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए दूसरी डोज देने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इससे बच्चों के लिए टीका जल्द आने की उम्मीद बढ़ गई है।


ट्रायल के दौरान पहले किशोरों को टीका देकर सुरक्षा का आकलन किया गया था। इसके बाद छह से 12 साल की आयु के बच्चों और अंत में दो से छह साल के बच्चों को टीका दिया गया। गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दो से छह साल की उम्र के बच्चों को दूसरी डोज दी गई। इसके बाद ट्रायल का काम पूरा हो गया है। ट्रायल के दौरान बच्चों को टीके का प्रभाव भी देखा जा रहा है। अगस्त के अंत तक या सितंबर के मध्य तक ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट आ सकती है। हालांकि, अंतिम रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा, लेकिन अंतरिम रिपोर्ट से पता चल सकेगा कि टीका बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है। इसके बाद उनके लिए टीके का इमरजेंसी इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है।

देश के छह अस्पतालों में 525 बच्चों पर यह ट्रायल चल रहा है। इसके तहत बच्चों को तीन उम्र वर्ग (12 से 18, छह से 12 व दो से छह) में बांटकर ट्रायल किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया मई के अंतिम सप्ताह में शुरू हुई थी। एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डा. संजय राय के नेतृत्व में नौ जून को ट्रायल शुरू हुआ था। डाक्टर कहते हैं कि ट्रायल के दौरान एक आयु वर्ग के बच्चों पर टीके की सुरक्षा का आकलन करने के बाद ही दूसरी आयु वर्ग के बच्चों को टीका दिया गया है। इसलिए उम्मीद है कि सुरक्षा के पैमाने पर बच्चों के लिए भी टीका खरा उतरेगा। टीका लगने के 28 दिन, 56 दिन, 118 दिन व 208 दिन पर बच्चों के ब्लड सैंपल लेकर एंटीबाडी जांच भी की जाएगी। इससे पता चल सकेगा कि टीके से बच्चों में इम्यूनिटी किस तरह से विकसित होती है। संबंधित सामग्री 17

वैक्सीनेशन की मांगी रिपोर्ट
शिक्षा मंत्रलय ने राज्यों से शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के वैक्सीनेशन की भी रिपोर्ट मांगी है। सीबीएसई और यूजीसी को भी निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अब तक हुए वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी जुटाएं और यह सुनिश्चित करें कि संस्थानों से जुड़े सभी कर्मचारी वैक्सीन की डोज लगवा लें। रिपोर्ट के बाद मंत्रलय निर्णय लेने की स्थिति में होगा।

उत्तर प्रदेश के टीकाकरण अभियान को केंद्र ने सराहा
 नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय ने उत्तर प्रदेश के टीकाकरण अभियान की सराहना की है। महिलाओं के लिए विशेष ‘¨पक बूथ’ और क्लस्टर अप्रोच जैसे नए उपायों के कारण प्रदेश में टीकाकरण अभियान को गति मिली है। उप्र में अब तक वैक्सीन की सबसे ज्यादा डोज लगाई गई हैं। टीकाकरण की धीमी गति व कोरोना के खिलाफ संपूर्ण टीकाकरण में तीन साल का समय लगने की अटकलों को मंत्रलय ने खारिज कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि शुरू में वैक्सीन की कमी से उप्र में कम डोज लग रही थीं, लेकिन वैक्सीन मिलने के साथ टीकाकरण की गति में तेजी आई है।

’>>कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए दूसरी डोज की प्रक्रिया पूरी

’>>अगस्त के अंत या सितंबर के मध्य में आएगी ट्रायल की रिपोर्ट


नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण में पहले के मुकाबले भारी कमी दर्ज होते ही स्कूल-कालेजों सहित दूसरे सभी शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का सिलसिला फिर चल पड़ा है। मध्य प्रदेश, बिहार व हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों ने नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों को अपनी सहूलियत के आधार पर खोल दिए हैं। हालांकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य अभी इसको लेकर असमंजस में हैं। ऐसी स्थिति में केंद्र ने राज्यों के असमंजस को खत्म करने को लेकर रुचि दिखाई है। साथ ही संकेत दिया है कि राज्यों के साथ चर्चा करके जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा। शिक्षा मंत्रलय ने शैक्षणिक संस्थानों को खोलने पर यह दिलचस्पी उस समय दिखाई है, जब संक्रमण में कमी आने पर कई राज्यों ने अपने स्कूल खोल दिए हैं।

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