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सेवारत ऐसे तमाम शिक्षक लैपटॉप या कम्प्यूटर तो छोड़िए, स्मार्टफोन तक नहीं चलाया, अब फीडिंग : बिना संसाधन दिये बेसिक शिक्षा विभाग फीडिंग पर दे रहा जोर

 सेवारत ऐसे तमाम शिक्षक लैपटॉप या कम्प्यूटर तो छोड़िए, स्मार्टफोन तक नहीं चलाया, अब फीडिंग : बिना संसाधन दिये बेसिक शिक्षा विभाग फीडिंग पर दे रहा जोर

बेसिक शिक्षा विभाग में सेवारत ऐसे तमाम शिक्षक लैपटॉप या कम्प्यूटर तो छोड़िए, स्मार्टफोन तक नहीं चलाया, ऐसे शिक्षकों से अब विभाग डीबीटी माड्यूल पर छात्रों की फीडिंग कराने पर आमादा है। कभी प्रेरणा ऐप से तो कभी मौखिक तौर पर दूसरी तकनीकी जानकारियां देकर जहां शिक्षकों को फीडिंग को विवश किया जा रहा है। दबाव पड़ता देख शिक्षकों ने अब  शिक्षक संघों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, लेकिन संगठनों की चुप्पी से शिक्षक सकते में हैं। 



विभाग द्वारा हेडमास्टरों को डाटा, टैबलेट या अन्य गैजेट दिए बिना ही प्रेरणा पोर्टल पर सारे काम कराए जा रहे हैं। संगठनों पर दबाव बनाया जा रहा है कि फीडिंग, ट्रेनिंग समेत अन्य सभी विभागीय कार्य डिजीटल होने के कारण अब हेडमास्टरों को डाटा व इलेक्ट्रानिक गैजेट मुहैया कराए जाएं। कोरोनाकाल में पूरी तरह डिजिटाइज्ड हुए बेसिक में शिक्षा विभाग ने हेडमास्टरों को संसाधन दिए बिना ही उनके निजी संसाधनों से काफी काम कराए हैं।

स्कूल बंद होने के कारण हेड व अन्य शिक्षकों ने शुरूआती दौर में ने स्वेच्छा से काम भी किया लेकिन अब नित बढ़ते दबाव से वे उकताने लगे हैं। इन दिनों छात्रों के वेरिफिकेशन से लेकर अभिभावकों के खातों की फीडिंग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। ऐसे शिक्षक जो आनलाइन कार्य करने में कमजोर हैं, उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

लाखों छात्रों की फीडिंग मुफ्त में कराने का प्रयास

दबी जबान से शिक्षक विभाग पर यह आरोप भी लगाने लगे हैं कि लाखों छात्रों की फीडिंग मुफ्त में कराने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए विभाग ने न तो शिक्षकों को कोई बजट या संसाधन दिया और न ही अपने कम्प्यूटर आपरेटरों से यह काम कराया । शिक्षक कहते हैं कि बिना किसी प्रशिक्षण या जानकारी के अचानक तकनीकी काम लादना कहां की समझदारी है। इसके लिए तकनीकी रूप से सक्षम लोग चाहिए


लगातार मिलती है वेतन रोकने की घुड़की

शिक्षक बताते हैं कि इन दिनों फीडिंग का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है। जिन स्कूलों में अधिक नामांकन हैं, वहां काफी समस्या है। बताते हैं कि बीईओ आए दिन वेतन रोकने की धमकी देते रहते हैं। दबाव बनाकर काम कराया जा रहा है।

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