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भुखमरी झेल रहे वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक, बिना वेतन काम को मजबूर

 भुखमरी झेल रहे वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक, बिना वेतन काम को मजबूर


प्रयागराज प्रदेश के वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों पर कोरोना की सबसे अधिक मार पड़ी है। लगभग डेढ़ साल से कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं, फीस नहीं मिलने की बात कहकर स्कूल प्रबंधन शिक्षकों को वेतन / मानदेय नहीं दे रहे। कई शिक्षकों का परिवार ऐसे में भुखमरी झेल रहा है। शिक्षकों ने सरकार से सहायता देने की मांग की है। कोरोना संकट के समय स्कूल बंद होने से वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक ट्यूशन आदि पढ़ाकर भी जीवन यापन नहीं कर पा रहे हैं।


प्रदेश में 2000 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं जिसमें 3:50 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, अकेले प्रयागराज जिले में 900 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं जिनमें 15000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। यह सभी शिक्षक इस महान विभीषिका में भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। शिक्षक विधान मंडल दल के नेता सुरेश त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार से वित्तविहीन शिक्षकों की मदद के लिए आगे आने की बात कही है। शिक्षक नेता एवं विधायक प्रतिनिधि अनुज कुमार पांडेय का कहना है कि सरकार पूरे देश में 80 करोड़ लोगों तक मुफ्त राशन मुहैया करवा रही है। ऐसे में वित्तविहीन शिक्षक जो डेढ़ साल से बिना वेतन के काम कर रहा है। उसके लिए क्यों नहीं सरकार इस प्रकार की मदद के लिए आगे आ रही है। ब्यूरो

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