Header Ads

परिषदीय बच्चों का घर ही बनेगा पाठशाला, अब ऐसे करना होगा शिक्षकों को काम

 परिषदीय बच्चों का घर ही बनेगा पाठशाला, अब ऐसे करना होगा शिक्षकों को काम

गोरखपुर। कोविड महामारी के बीच परिषदीय स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई के लिए नव प्रयोग शुरू हो रहा है। खासकर उन बच्चों के लिए, जिनके अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। उनकी इस कमी को प्रेरणा साथी पूरी करेंगे। इसके लिए विद्यालयों को गांव के 10 ऐसे साथियों का चयन करने के लिए कहा गया है, जो स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट फोन दे सकें। प्रधानाध्यापक उनका प्रेरणा एप पर पंजीकरण कराएंगे और विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ेंगे, जिसमें समय-समय पर शिक्षण सामग्री भेजी जाएगी।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद इन दिनों प्रदेश में मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला चला रहे हैं। 'घर ही बन जाएगा विद्यालय हमारा, हम चलाएंगे ई-पाठशाला' के तहत प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण पूरा हो चुका है। अब नई गतिविधियों के साथ चतुर्थ चरण शुरू हो रहा है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन व अधिकतम बच्चों तक पहुंच बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने वालंटियर्स आनबोडिंग ड्राइव शुरू की है। इसमें वालंटियर्स को प्रेरणा साथी के नाम से जाना जाएगा। इन साथियों को साप्ताहिक शिक्षण सामग्री मुहैया कराई जाएगी।


ये बन सकते हैं प्रेरणा सारथी

प्रेरणा सारथी बच्चों के रिश्तेदार, पड़ोसी या पुरातन छात्र हो सकते हैं। प्रेरणा साथी बनाने के बाद उन्हें अपने मोबाइल पर प्रेरणा लक्ष्य एप, रीड एलांग एप, दीक्षा एप को डाउनलोड करना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छात्र कम से कम 20 मिनट रोज प्रेरणा लक्ष्य एप का इस्तेमाल करें। हर शिक्षक के साथ एक या दो कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा। जो हर सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कक्षावार व विषयवार सामग्री को साझा करेंगे।


क्विज प्रतियोगिता के लिए करें प्रोत्साहित

प्रेरणा साथी हर शनिवार को होने वाली साप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकें। वालंटियर्स के साथियों के चयन के लिए यह देखना होगा कि उनमें निःस्वार्थ सहायता देने की भावना हो, निकट रिश्तेदार, पड़ोसी या समुदाय के ऐसे शुभचिंतक को
तलाशा जाए, जिनके पास स्मार्ट फोन व इंटरनेट सुविधा हो। वे राज्य स्तर से मिलने वाली शिक्षण सामग्री को बच्चों के बीच साझा करें। यह भी निर्देश है कि बच्चे प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट तक प्रेरणा लक्ष्य एप का प्रयोग करते हुए अभ्यास कर सकें।

ई-पाठशाला के चौथे चरण में प्रेरणा सारथी जोड़े जाएंगे। इसके लिए सभी को व्यवस्था के तहत बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने की तैयारी करने के लिए कहा गया है। बीएन सिंह, बीएसए

कोई टिप्पणी नहीं