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बच्चों की पढ़ाई पर फिर लगा ग्रहण बच्चों, संसाधनों के अभाव में बड़ी संख्या में बच्चे नहीं उठा पाते ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ

 बच्चों की पढ़ाई पर फिर लगा ग्रहण बच्चों, संसाधनों के अभाव में बड़ी संख्या में बच्चे नहीं उठा पाते ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ

वाराणसी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों को अब 11 अप्रैल तक बंद रखने का फैसला किया है। जिसकी वजह से एक बार फिर परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा पर ग्रहण लग गया है। स्कूलों में एक अप्रैल से नए सत्र की शुरूआत हो चुकी है, लेकिन बच्चों को पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो सकी है। वहाँ दूसरी ओर प्रशासनिक कार्यों के लिए शिक्षकों को नियमित रूप से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूल आना होगा।

सत्र 2020-21 में कोविड की वजह से हुए लॉकडाउन में 24 मार्च 2020 से स्कूलों को बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से 11 महीने तक स्कूल बंद रहे। जुलाई से बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू तो हुई मगर मोबाइल या नेटवर्क के अभाव में इसकी पहुंच सभी बच्चों तक नहीं हो सकी। लगभग 60 हजार से ज्यादा बच्चे संसाधन के अभाव में ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं ले सके। मार्च 2021 में शासन के निर्देश पर कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल दोबारा शुरू हुए। लेकिन कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बढ़ने की वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा। स्कूल बंद होने से पिछले साल की तरह इस साल भी बच्चों की शिक्षा पर ग्रहण लग गया है। संक्रमण के दोबारा बढ़ने की वजह से ही जिले के 1144 परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 1,96 लाख बच्चों को अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया गया है।


प्रशासनिक कार्यों के लिए शिक्षक आएंगे स्कूल

जहां एक ओर संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से बच्चों के लिए स्कूल बंद है। वहीं प्रशासनिक कार्यों के लिए शिक्षकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालने करते हुए स्कूल बुलाया जा रहा है। इस दौरान शिक्षक कायाकल्प सहित जिला पंचायत चुनाव से जुड़े अन्य कार्य करेंगे। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि शासन की ओर से कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश आया है।



निजी विद्यालयों में चल रहीं ऑनलाइन कक्षाएं

एक ओर जहां सरकारी विद्यालयों के बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही हैं। वहीं निजी विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं सुचारू रूप से चलाई जा रही हैं। पूर्वांचल स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक ने बताया कि कक्षा एक से आठवीं तक के सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलाई जा रही है। ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो।

विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में ऑनलाइन ही चलेंगी कक्षाएं

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए शासन ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन का निर्देश दिया है। इसके साथ ही परीक्षाओं के दौरान परिसर में कोविड-19 प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करने का भी आदेश जारी किया गया है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालय में 25 से 31 मार्च तक ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया था। ऑनलाइन कक्षाओं को आगे जारी रखने का शासनादेश मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी कक्षाएं नियमित रूप से जारी रखने का निर्देश जारी कर दिया है। वहीं परिसर में मास्क अनिवार्य करने के साथ ही नियमित रूप से सैनिटाइजेशन कराने का निर्देश दिया गया है। परीक्षा के दौरान छात्रों के बीच छह फोट की दूरी रखने, परीक्षा से पहले और बाद में कक्षाओं को सैनिटाइजेशन कराने का भी निर्देश दिया गया है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन ही किया जाएगा

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