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69000 शिक्षक भर्ती में पति की जाति का प्रमाणपत्र लगाने पर नियुक्ति देने से इंकार पर जवाब तलब

 69000 शिक्षक भर्ती में पति की जाति का प्रमाणपत्र लगाने पर नियुक्ति देने से इंकार पर जवाब तलब

69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित ओबीसी अभ्यर्थी द्वारा अपने पति की जाति का प्रमाण पत्र लगाने पर उसे नियुक्ति से बाहर करने पर बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। याची अभ्यर्थी का कहना है कि उसके पति भी ओबीसी हैं इसलिए उनकी जाति का प्रमाणपत्र लगाने से उसे आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। 



मथुरा की सविता की याचिका पर न्यायमूर्ति अजय भनोट सुनवाई कर रहे हैं। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि था याची का 69 हजार सहायक अध्यापक में चयन हो गया। 15 अप्रैल 20 को उसकी काउंसलिंग हो गई  और  उसे मथुरा में विद्यालय आवंटन भी कर दिया  गया। चार दिसंबर 20 को जारी शासनादेश के क्लाज 3(2) का हवाला देते हुए याची की नियुक्ति इस आधार पर निरस्त कर दी गई कि उसने अपने जाति प्रमाणपत्र में पति की जाति का प्रमाणपत्र न लगाकर पति की जाति का प्रमाणपत्र लगाया है।


अधिवक्ता का कहना था कि याची ओबीसी वर्ग की है और उसने ओबीसी से ही शादी की है। ऐसे में उसे ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण का लाभ देने से इंकार नहीं किया जा सकता है। याची का यह भी कहना था कि उसका गुणांक सामान्य वर्ग की अंतिम चयनित महिला अभ्यर्थी से अधिक है। इस आधार पर वह सामान्य वर्ग में चयनित किए जाने योग्य है इसलिए उसकी नियुक्ति रद्द नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने इस मामले में परिषद को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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