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खंड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों पर चयन, 112 रहेंगे खाली! महानिदेशक ने शासन को 112 पदों को समाप्त करने का भेजा था प्रस्ताव- Primary ka master vacancy

 खंड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों पर चयन, 112 रहेंगे खाली! महानिदेशक ने शासन को 112 पदों को समाप्त करने का भेजा था प्रस्ताव- Primary ka master vacancy

उप्र लोकसेवा आयोग ने 16 अगस्त को 309 पदों पर खंड शिक्षा अधिकारियों के चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई। दूसरे ही दिन 7 अगस्त को महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इस संवर्ग के 112 पदों को खत्म करने का प्रस्ताव भेजा। इन पदों को युक्तिसंगत करने पर शासन सहमत हुआ, लेकिन इतने पदों को खत्म करने से इन्कार कर दिया। कहा कि इन पदों को रिक्त रखा जा सकता है। 



इस पत्राचार से हर कोई हैरान है कि एक ओर रिक्त पदों के लिए चयन हो रहा है तो साथ ही उन्हीं पदों को खत्म करने का भी प्रस्ताव दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि यदि यह करना ही था चयन का अधियाचन भेजने से पहले क्‍यों नहीं हुआ? चयनित होकर जब अभ्यर्थी आएंगे तो उन्हें कहां रखा जाएगा? सवाल यह भी है कि कैबिनेट से स्वीकृत पदों को रिक्त कैसे रखा जा सकता है? 

बेसिक शिक्षा विभाग इन दिनों खंड शिक्षा अधिकारियों का चयन करा रहा है। इस पद की नियमावली न होने व विज्ञापन में संवर्ग को समूह-ग लिखने पर पहले से नाराजगी है। अब 112 पदों का रिक्त रखने के आदेश से खंड शिक्षा अधिकारी आहत हैं। उनका कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी के 1031 पदों को फरवरी, 2009 की कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी। उसी आधार पर 14 जुलाई, 2011 को संवर्ग के पुनर्गठन का शासनादेश जारी हुआ। उस समय 71 जिलों में बीएसए कार्यालय पर एक पद, 820 विकासखंड में एक-एक, 12 रिक्त नहीं रख सकता। शासन फिर विचार करे। महानगरों में चार-चार, अन्य 58 नगरों में एक-एक तथा 17 मंडल मुख्यालयों में उर्दू व संस्कृत उप शिक्षा निदेशक कार्यालय में एक-एक पद तय हुआ था। नौ साल बाद प्रदेश में जिला मुख्यालय, महानगर, नगर आदि सब बढ़ गए हैं, फिर भी पद खत्म करने का प्रस्ताव भेजा गया। वह भी उस समय जब रिक्त पदों के सापेक्ष चयन चल रहा है।


 बेसिक शिक्षा विभाग का कमाल,BEO के पद शासन ने समाप्त करने से किया इन्कार रिक्त रखने का दिया विकल्प
पद रिक्त रखना ठीक नहीं खंड शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार शुक्ल कहते हैं कि 112 पदों को खत्म न करने का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन शासन इन पदों को रिक्त नहीं रख सकता शासन फिर विचार करे।

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