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दो दिन में मंजूर करनी होगी चाइल्ड केयर लीव:- चार दिन का सीएल हेडमास्टर करेंगे मंजूर, दो दिनों में मंजूर होगा चिकित्सा अवकाश- महानिदेशक स्कूली शिक्षा

 दो दिन में मंजूर करनी होगी चाइल्ड केयर लीव:- चार दिन का सीएल हेडमास्टर करेंगे मंजूर, दो दिनों में मंजूर होगा चिकित्सा अवकाश- महानिदेशक स्कूली शिक्षा

सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ओर से अवकाश को लेकर किए गये आनलाइन आवेदन को तय समय में निपटाना स्वीकृत करना होगा। इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने गुरुवार को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए शासनादेश के बारे में अवगत कराया और कहा कि शिक्षकों की ओर से अवकाश को लेकर किए गये आनलाइन आवेदन कोई भी हो उसे समय के साथ निस्तारण करना होगा। बता दें कि इस संबंध में अमृत विचार में बीते 30 नवंबर को शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर के अनुसार नहीं होता काम, सीसीएल से लेकर एरियर तक हो रही शिक्षकों को समस्याएं, शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी थी। जिसके बाद महानिदेशक विजय किरण आनद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किर दिए है।


चार दिन का सीएल हेडमास्टर करेंगे मंजूर
आदेश में महानिदेशक ने कहा कि नवंबर माह में 675 सीएल के आनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि शिक्षको की संख्या करीब 6 लाख के आस- पास है। वहीं चार दिन से कम के भी अवकाश के लिए बीईओ से स्वीकृत कराये जा रहे हैं जो सही नहीं है। ऐसे में 4 दिन की सीएल हेडमॉस्टर स्वीकृत कर सकते हैं। नडीजी ने माना कि बीते माह प्रदेश के 880 ब्लाकों में सीएल के लिए महज 100 आवेदन आये है। इससे साफ है कि आनलाइन प्रक्रिया कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है।


दो दिनों में मंजूर होगा चिकित्सा अवकाश
महानिदेशक ने आदेश में कहा कि शिक्षकों दो दिनों में चिकित्सीय अवकाश मंजूर करने होंगे। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि कई ऐसे आवेदन थे जिसमें काफी दिनों से विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय अवकाश गंभीरता से स्वीकृत करना चाहिए। आवेदन के 50 दिनों बाद भी नहीं मंजूर हुई सीसीएल। वहीं चाइल्ड केयर लीव को लेकर भी खंड शिक्षा अधिकारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली। शिक्षकों के आवेदन 50 दिनों से पेडिंग पड़े थे। जिस पर डीजी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बीएसए इस पर विशेष तौर पर ध्यान दे और सीसीएल के मामले भी दो दिनों में निपटाये जायें। यदि डाक्यूमेंट पूरे नहीं तो नामंजूर करने का स्पष्ट कारण भी बताये जाये।

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