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शिक्षामित्र से अध्यापक तो बन गए, तैनाती के लिए स्वीकृति का इंतजार: 9 से 11 दिसम्बर तक होगी काउंसलिंग

 शिक्षामित्र से अध्यापक तो बन गए, तैनाती के लिए स्वीकृति का इंतजार: 9 से 11 दिसम्बर तक होगी काउंसलिंग

शिक्षामित्रों की मुश्किलें अध्यापक बनने के बाद भी खत्म नहीं हुई हैं। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के तहत चयन के बाद भी उन्हें तैनाती नहीं मिल पाई है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में ऐसे 39 शिक्षामित्र हैं, जिनका स्कूल आवंटन रोका गया है। इनके विषय में जिला स्तरीय समिति फैसला लेगी। अन्य वजहों से रोके गए नियुक्ति पत्र या आवंटन की बाबत भी गाइडलाइन जारी कर दी गई है।


बस्ती-गोरखपुर मंडल में शिक्षामित्रों के साथ ही करीब दो सौ से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है। इनमें आवेदन और प्रमाणपत्रों में विसंगति बड़ी वजह रही। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर कहा है कि इन अभ्यर्थियों की 9 से 11 दिसम्बर तक काउंसलिंग होगी। 12 को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इसमें उन अभ्यर्थियों को भी शामिल होने का मौका दिया गया है, जो पहली दो काउंसलिंग में किसी कारण से शामिल नहीं हो पाए। वहीं दोनों मंडल के कुल 39 शिक्षामित्रों के मामले में जिला चयन समिति फैसला लेगी। इनमें सर्वाधिक 20 देवरिया के हैं, सिद्धार्थनगर और कुशीनगर में कोई केस नहीं है।

शिक्षामित्रों के मामले में इस तरह होगा निर्णय

सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित ऐसे शिक्षामित्र, जिन्होंने सेवारत रहते हुए संस्थागत स्नातक किया है, उनके प्रकरण में केस-टू-केस निर्णय जिला स्तरीय चयन समिति लेगी। दस वर्ष से कम अनुभव होने संबंधी प्रकरण में महानिदेशक शासन को प्रस्ताव देंगे। सेवारत रहते हुए व्यक्तिगत स्नातक करने वालों को काउंसलिंग में मौका मिलेगा। जिन्होंने श्रेणी (शिक्षामित्र भारांक) अंकित नहीं किया है लेकिन मेरिट में उनका चयन हो गया है, ऐसे शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा।

काउंसलिंग में इनको मिलेगा मौका

अपर मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार जिन अर्भ्यिथयों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, प्रशिक्षण या टीईटी के अंकपत्र या प्रमाणपत्र में अंकित अभ्यर्थी के नाम, क्रमांक या माता-पिता के नाम में वर्तनी की गलती है, उन्हें नियुक्ति पत्र देने के साथ यह शर्त होगी कि अपने शैक्षिक अभिलेखों में छह महीने के अंदर संशोधन करवाकर बीएसए कार्यालय में जमा करें। यदि माता की जगह पिता या पिता की जगह माता का नाम है तो चयन किया जाएगा। यदि अंकपत्र या प्रमाणपत्र गायब हो गया है और अभ्यर्थी के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं तो उसे तीन महीने का समय दिया जाएगा। अंकपत्र या प्रमाणपत्र देने पर ही नियुक्ति पत्र होगा जारी। संदिग्ध दिव्यांग अर्भ्यिथयों की जांच अनिवार्य रूप से एक महीने के अंदर जिला चिकित्सा बोर्ड करेगा, इसके बाद ही नियुक्ति पत्र मिलेगा। इसके साथ ही अन्य भी कई मामलों में मौका देते हुए नियुक्ति पत्र देने की बात आदेश में कही गई है।

इन अभ्यर्थियों का निरस्त होगा चयन

काउंसलिंग संग नियुक्ति पत्र देने के साथ ही यह भी आदेश में साफ किया गया है कि किन दशा में नियुक्ति निरस्त कर दी जाएगी। इसके अनुसार अगर आवेदन पत्र में वास्तविक अंक से अधिक प्राप्तांक भरे हैं या प्रमाणपत्रों और आवेदन पत्र के नाम अलग-अलग होंगे। मेरिट प्रभावित होने की दशा के साथ ही पुरुष की जगह महिला या महिला की जगह पुरुष अंकित करने वालों का आवेदन निरस्त होगा। श्रेणी भरने में गलती व सीटेट में अंकों की भिन्नता भी इस दायरे में आएगी। जिन महिलाओं ने अपने पति के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेते हुए चयन प्राप्त किया है, उनका चयन निरस्त होगा।

गोरखपुर-बस्ती मंडल के शिक्षामित्रों का विवरण

देवरिया 20

महराजगंज 09

गोरखपुर 04

बस्ती 03

कुशीनगर 00

सिद्धार्थनगर 00

अपर मुख्य सचिव के आदेश पर 9 से 11 दिसंबर के बीच काउंसलिंग की जाएगी। इसके जरिये अभ्यर्थियों को खामियां दूर करने का मौका मिलेगा। शिक्षामित्रों के प्रकरण में जिला स्तरीय चयन समिति 9 से 11 दिसंबर के बीच केस-टू-केस स्टडी कर निर्णय लेगी।

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